अध्याय 10
1फिर मैं ने एक और बली स्वर्गदूत को बादल ओढ़े हुए स्वर्ग से उतरते देखा, उसके सिर पर मेघधनुष था: और उसका मुंह सूर्य का सा और उसके पांव आग के खंभे के से थे।
यहेजकेल – अध्याय 1:28 जैसे वर्षा के दिन बादल में धनुष दिखाई पड़ता है, वैसे ही चारों ओर का प्रकाश दिखाई देता था। यहोवा के तेज का रूप ऐसा ही था। और उसे देख कर, मैं मुंह के बल गिरा, तब मैं ने एक शब्द सुना जैसे कोई बातें करता है।
मत्ती – अध्याय 17:2 और उनके साम्हने उसका रूपान्तर हुआ और उसका मुंह सूर्य की नाईं चमका और उसका वस्त्र ज्योति की नाईं उजला हो गया।
2 और उसके हाथ में एक छोटी सी खुली हुई पुस्तक थी; उस ने अपना दाहिना पांव समुद्र पर, और बायां पृथ्वी पर रखा।
मत्ती – अध्याय 28:18 यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है।
3 और ऐसे बड़े शब्द से चिल्लाया, जैसा सिंह गरजता है; और जब वह चिल्लाया तो गर्जन के सात शब्द सुनाईं दिए।
4 और जब सातों गर्जन के शब्द सुनाई दे चुके, तो मैं लिखने पर था, और मैं ने स्वर्ग से यह शब्द सुना, कि जो बातें गर्जन के उन सात शब्दों से सुनी हैं, उन्हें गुप्त रख, और मत लिख।
दानिय्येल – अध्याय 8:26 सांझ और सवेरे के विषय में जो कुछ तू ने देखा और सुना है वह सच है; परन्तु जो कुछ तू ने दर्शन में देखा है उसे बन्द रख, क्योंकि वह बहुत दिनों के बाद फलेगा॥
दानिय्येल – अध्याय 12:4,9 परन्तु हे दानिय्येल, तू इस पुस्तक पर मुहर कर के इन वचनों को अन्त समय तक के लिये बन्द रख। और बहुत लोग पूछ-पाछ और ढूंढ-ढांढ करेंगे, और इस से ज्ञान बढ़ भी जाएगा॥
उस ने कहा, हे दानिय्येल चला जा; क्योंकि ये बातें अन्त समय के लिये बन्द हैं और इन पर मुहर दी हुई है।
5 और जिस स्वर्गदूत को मैं ने समुद्र और पृथ्वी पर खड़े देख था; उस ने अपना दाहिना हाथ स्वर्ग की ओर उठाया।
निर्गमन – अध्याय 6:8 और जिस देश के देने की शपथ मैं ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से खाई थी उसी में मैं तुम्हें पहुंचाकर उसे तुम्हारा भाग कर दूंगा। मैं तो यहोवा हूं।
दानिय्येल – अध्याय 12:7 तब जो पुरूष सन का वस्त्र पहिने हुए नदी के जल के ऊपर था, उसने मेरे सुनते दहिना और बांया अपने दोनों हाथ स्वर्ग की ओर उठा कर, सदा जीवित रहने वाले की शपथ खाकर कहा, यह दशा साढ़े तीन काल तक ही रहेगी; और जब पवित्र प्रजा की शक्ति टूटते टूटते समाप्त हो जाएगी, तब ये बातें पूरी होंगी।
6 और जो युगानुयुग जीवता रहेगा, और जिस ने सवर्ग को और जो कुछ उस में है, और पृथ्वी को और जो कुछ उस पर है, और समुद्र को और जो कुछ उस में है सृजा उसी की शपथ खा कर कहा, अब तो और देर न होगी।
नहेमायाह – अध्याय 9:6 तू ही अकेला यहोवा है; स्वर्ग वरन सब से ऊंचे स्वर्ग और उसके सब गण, और पृथ्वी और जो कुछ उस में है, और समुद्र और जो कुछ उस में है, सभों को तू ही ने बनाया, और सभों की रक्षा तू ही करता है; और स्वर्ग की समस्त सेना तुझी को दण्डवत करती हैं।
दानिय्येल – अध्याय 12:7 तब जो पुरूष सन का वस्त्र पहिने हुए नदी के जल के ऊपर था, उसने मेरे सुनते दहिना और बांया अपने दोनों हाथ स्वर्ग की ओर उठा कर, सदा जीवित रहने वाले की शपथ खाकर कहा, यह दशा साढ़े तीन काल तक ही रहेगी; और जब पवित्र प्रजा की शक्ति टूटते टूटते समाप्त हो जाएगी, तब ये बातें पूरी होंगी।
7 वरन सातवें स्वर्गदूत के शब्द देने के दिनों में जब वह तुरही फूंकने पर होगा, तो परमेश्वर का गुप्त मनोरथ उस सुसमाचार के अनुसार जो उस ने अपने दास भविष्यद्वक्ताओं को दिया पूरा होगा।
8 और जिस शब्द करने वाले को मैं ने स्वर्ग से बोलते सुना था, वह फिर मेरे साथ बातें करने लगा; कि जा, जो स्वर्गदूत समुद्र और पृथ्वी पर खड़ा है, उसके हाथ में की खुली हुई पुस्तक ले ले।
9 और मैं ने स्वर्गदूत के पास जा कर कहा, यह छोटी पुस्तक मुझे दे; और उस ने मुझ से कहा ले इसे खा ले, और यह तेरा पेट कड़वा तो करेगी, पर तेरे मुंह में मधु सी मीठी लगेगी।
यिर्मयाह – अध्याय 15:16 जब तेरे वचन मेरे पास पहुंचे, तब मैं ने उन्हें मानो खा लिया, और तेरे वचन मेरे मन के हर्ष और आनन्द का कारण हुए; क्योंकि, हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, मैं तेरा कहलाता हूँ।
यहेजकेल – अध्याय 2:8 परन्तु हे मनुष्य के सन्तान, जो मैं तुझ से कहता हूँ, उसे तू सुन ले, उस बलवई घराने के समान तू भी बलवई न बनना; जो मैं तुझे देता हूँ, उसे मुंह खोल कर खा ले।
यहेजकेल – अध्याय 3:1 तब उसने मुझ से कहा हे मनुष्य के सन्तान, जो तुझे मिला है उसे खा ले; अर्थात इस पुस्तक को खा, तब जा कर इस्राएल के घराने से बातें कर।
यहेजकेल – अध्याय 2:3 और उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, मैं तुझे इस्राएलियों के पास अर्थात बलवा करने वाली जाति के पास भेजता हूँ, जिन्होंने मेरे विरुद्ध बलवा किया है; उनके पुरखा और वे भी आज के दिल तक मेरा अपराध करते चले आए हैं।
10 सो मैं वह छोटी पुस्तक उस स्वर्गदूत के हाथ से ले कर खा गया, वह मेरे मुंह में मधु सी मीठी तो लगी, पर जब मैं उसे खा गया, तो मेरा पेट कड़वा हो गया।
यहेजकेल – अध्याय 3:3 तब उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, यह पुस्तक जो मैं तुझे देता हूँ उसे पचा ले, और अपनी अन्तडिय़ां इस से भर ले। सो मैं ने उसे खा लिया; और मेरे मुंह में वह मधु के तुल्य मीठी लगी।
यहेजकेल – अध्याय 2:10 उसको उसने मेरे साम्हने खोल कर फैलाया, ओर वह दोनों ओर लिखी हुई थी; और जो उस में लिखा था, वे विलाप और शोक और दु:ख भरे वचन थे।
11 तब मुझ से यह कहा गया, कि तुझे बहुत से लोगों, और जातियों, और भाषाओं, और राजाओं पर, फिर भविष्यद्ववाणी करनी होगी॥