अध्याय 4
1इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई, कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते।
1 कुरिन्थियों – अध्याय 7:25 कुंवारियों के विषय में प्रभु की कोई आज्ञा मुझे नहीं मिली, परन्तु विश्वासयोग्य होने के लिये जैसी दया प्रभु ने मुझ पर की है, उसी के अनुसार सम्मति देता हूं।
1 तीमुथियुस – अध्याय 1:13 मैं तो पहिले निन्दा करने वाला, और सताने वाला, और अन्धेर करने वाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैं ने अविश्वास की दशा में बिन समझे बूझे, ये काम किए थे।
2 परन्तु हम ने लज्ज़ा के गुप्त कामों को त्याग दिया, और न चतुराई से चलते, और न परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, परन्तु सत्य को प्रगट करके, परमेश्वर के साम्हने हर एक मनुष्य के विवेक में अपनी भलाई बैठाते हैं।
1 थिस्सलुनीकियों – अध्याय 2:3,5 क्योंकि हमारा उपदेश न भ्रम से है और न अशुद्धता से, और न छल के साथ है। 5 क्योंकि तुम जानते हो, कि हम न तो कभी लल्लोपत्तो की बातें किया करते थे, और न लोभ के लिये बहाना करते थे, परमेश्वर गवाह है।
3 परन्तु यदि हमारे सुसमाचार पर परदा पड़ा है, तो यह नाश होने वालों ही के लिये पड़ा है।
1 कुरिन्थियों – अध्याय 1:18 क्योंकि क्रूस की कथा नाश होने वालों के निकट मूर्खता है, परन्तु हम उद्धार पाने वालों के निकट परमेश्वर की सामर्थ है।
2 थिस्सलुनीकियों – अध्याय 2:10 और नाश होने वालों के लिये अधर्म के सब प्रकार के धोखे के साथ होगा; क्योंकि उन्होंने सत्य के प्रेम को ग्रहण नहीं किया जिस से उन का उद्धार होता।
4 और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।
यूहन्ना – अध्याय 12:31 अब इस जगत का न्याय होता है, अब इस जगत का सरदार निकाल दिया जाएगा।
यूहन्ना – अध्याय 14:30 मैं अब से तुम्हारे साथ और बहुत बातें न करूंगा, क्योंकि इस संसार का सरदार आता है, और मुझ में उसका कुछ नहीं।
यूहन्ना – अध्याय 16:11 और तुम मुझे फिर न देखोगे: न्याय के विषय में इसलिये कि संसार का सरदार दोषी ठहराया गया है।
इफिसियों – अध्याय 6:12 क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लोहू और मांस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अन्धकार के हाकिमों से, और उस दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं।
यशायाह – अध्याय 6:10 तू इन लोगों के मन को मोटे और उनके कानों को भारी कर, और उनकी आंखों को बन्द कर; ऐसा न हो कि वे आंखों से देखें, और कानों से सुनें, और मन से बूझें, और मन फिरावें और चंगे हो जाएं।
यूहन्ना – अध्याय 12:40 कि उस ने उन की आंखें अन्धी, और उन का मन कठोर किया है; कहीं ऐसा न हो, कि आंखों से देखें, और मन से समझें, और फिरें, और मैं उन्हें चंगा करूं।
यूहन्ना – अध्याय 1:18 परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया॥
यूहन्ना – अध्याय 12:45 और जो मुझे देखता है, वह मेरे भेजने वाले को देखता है।
यूहन्ना – अध्याय 14:9 यीशु ने उस से कहा; हे फिलेप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूं, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिस ने मुझे देखा है उस ने पिता को देखा है: तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा।
फिलिप्पियों – अध्याय 2:6 जिस ने परमेश्वर के स्वरूप में होकर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा।
कुलुस्सियों – अध्याय 1:15 वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्टि में पहिलौठा है।
इब्रानियों – अध्याय 1:3 तब परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो: तो उजियाला हो गया।
5 क्योंकि हम अपने को नहीं, परन्तु मसीह यीशु को प्रचार करते हैं, कि वह प्रभु है; और अपने विषय में यह कहते हैं, कि हम यीशु के कारण तुम्हारे सेवक हैं।
1 कुरिन्थियों – अध्याय1:13,23 क्या मसीह बँट गया? क्या पौलुस तुम्हारे लिये क्रूस पर चढ़ाया गया? या तुम्हें पौलुस के नाम पर बपतिस्मा मिला?
परन्तु हम तो उस क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह का प्रचार करते हैं जो यहूदियों के निकट ठोकर का कारण, और अन्यजातियों के निकट मूर्खता है।
1 कुरिन्थियों – अध्याय 10:33 जैसा मैं भी सब बातों में सब को प्रसन्न रखता हूं, और अपना नहीं, परन्तु बहुतों का लाभ ढूंढ़ता हूं, कि वे उद्धार पाएं।
1 कुरिन्थियों – अध्याय 9:19 क्योंकि सब से स्वतंत्र होने पर भी मैं ने अपने आप को सब का दास बना दिया है; कि अधिक लोगों को खींच लाऊं।
6 इसलिये कि परमेश्वर ही है, जिस ने कहा, कि अन्धकार में से ज्योति चमके; और वही हमारे हृदयों में चमका, कि परमेश्वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो॥
उत्पत्ति – अध्याय 1:3 तब परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो: तो उजियाला हो गया।
2 पतरस – अध्याय 1:19 और हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा है और तुम यह अच्छा करते हो, कि जो यह समझ कर उस पर ध्यान करते हो, कि वह एक दीया है, जो अन्धियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे, और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे।
1 पतरस – अध्याय 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की ) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिस ने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।
7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।
1 कुरिन्थियों – अध्याय 2:5 इसलिये कि तुम्हारा विश्वास मनुष्यों के ज्ञान पर नहीं, परन्तु परमेश्वर की सामर्थ पर निर्भर हो॥
8 हम चारों ओर से क्लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते।
9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते।
भजन संहिता – अध्याय 37:24 चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है॥
10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो।
1 कुरिन्थियों – अध्याय 15:31 हे भाइयो, मुझे उस घमण्ड की सोंह जो हमारे मसीह यीशु में मैं तुम्हारे विषय में करता हूं, कि मैं प्रति दिन मरता हूं।
गलातियों – अध्याय 6:17 आगे को कोई मुझे दुख न दे, क्योंकि मैं यीशु के दागों को अपनी देह में लिये फिरता हूं॥
फिलिप्पियों – अध्याय 3:10 और मैं उस को और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं।
रोमियो – अध्याय 8:17 और यदि सन्तान हैं, तो वारिस भी, वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जब कि हम उसके साथ दुख उठाएं कि उसके साथ महिमा भी पाएं॥
2 तीमुथियुस – अध्याय 2:11,12 यह बात सच है, कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं तो उसके साथ जीएंगे भी। 12 यदि हम धीरज से सहते रहेंगे, तो उसके साथ राज्य भी करेंगे: यदि हम उसका इन्कार करेंगे तो वह भी हमारा इन्कार करेगा।
1 पतरस – अध्याय 4:13 पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्दित और मगन हो।
11 क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो।
भजन संहिता – अध्याय 44:22 परन्तु हम दिन भर तेरे निमित्त मार डाले जाते हैं, और उन भेड़ों के समान समझे जाते हैं जो वध होने पर हैं॥
रोमियो – अध्याय 8:36 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों की नाईं गिने गए हैं।
1 कुरिन्थियों – अध्याय 15:31,49 हे भाइयो, मुझे उस घमण्ड की सोंह जो हमारे मसीह यीशु में मैं तुम्हारे विषय में करता हूं, कि मैं प्रति दिन मरता हूं।
और जैसे हम ने उसका रूप जो मिट्टी का था धारण किया वैसे ही उस स्वर्गीय का रूप भी धारण करेंगे॥
12 सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम पर।
13 और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं।
रोमियो – अध्याय 1:12 अर्थात यह, कि मैं तुम्हारे बीच में होकर तुम्हारे साथ उस विश्वास के द्वारा जो मुझ में, और तुम में है, शान्ति पाउं।
2 पतरस – अध्याय 1:1 शमौन पतरस की और से जो यीशु मसीह का दास और प्रेरित है, उन लोगों के नाम जिन्होंने हमारे परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धामिर्कता से हमारा सा बहुमूल्य विश्वास प्राप्त किया है।
भजन संहिता – अध्याय 116:10 मैं ने जो ऐसा कहा है, इसे विश्वास की कसौटी पर कस कर कहा है, कि मैं तो बहुत ही दु:खित हुआ;
14 क्योंकि हम जानते हैं, जिस ने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा।
रोमियो – अध्याय 8:11 और यदि उसी का आत्मा जिस ने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया तुम में बसा हुआ है; तो जिस ने मसीह को मरे हुओं में से जिलाया, वह तुम्हारी मरनहार देहों को भी अपने आत्मा के द्वारा जो तुम में बसा हुआ है जिलाएगा।
1 कुरिन्थियों – अध्याय 6:14 और परमेश्वर ने अपनी सामर्थ से प्रभु को जिलाया, और हमें भी जिलाएगा।
15 क्योंकि सब वस्तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक होकर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए॥
1 कुरिन्थियों – अध्याय 3:21 इसलिये मनुष्यों पर कोई घमण्ड न करे, क्योंकि सब कुछ तुम्हारा है।
2 तीमुथियुस – अध्याय 2:10 इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूं, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्त महिमा के साथ पाएं।
16 इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है।
रोमियो – अध्याय 7:22 क्योंकि मैं भीतरी मनुष्यत्व से तो परमेश्वर की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न रहता हूं।
इफिसियों – अध्याय 3:16 कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्व में सामर्थ पाकर बलवन्त होते जाओ।
कुलुस्सियों – अध्याय 3:10 और नए मनुष्यत्व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है।
1 पतरस – अध्याय 3:4 वरन तुम्हारा छिपा हुआ और गुप्त मनुष्यत्व, नम्रता और मन की दीनता की अविनाशी सजावट से सुसज्ज़ित रहे, क्योंकि परमेश्वर की दृष्टि में इसका मूल्य बड़ा है।
17 क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है।
मत्ती – अध्याय 5:12 आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था॥
रोमियो – अध्याय 8:18 क्योंकि मैं समझता हूं, कि इस समय के दु:ख और क्लेश उस महिमा के साम्हने, जो हम पर प्रगट होने वाली है, कुछ भी नहीं हैं।
1 पतरस – अध्याय 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो।
1 पतरस – अध्याय 5:10 अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिस ने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्त करेगा।
18 और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं।
रोमियो – अध्याय 8:24 आशा के द्वारा तो हमारा उद्धार हुआ है परन्तु जिस वस्तु की आशा की जाती है जब वह देखने में आए, तो फिर आशा कहां रही? क्योंकि जिस वस्तु को कोई देख रहा है उस की आशा क्या करेगा?
इब्रानियों – अध्याय 11:1 अब विश्वास आशा की हुई वस्तुओं का निश्चय, और अनदेखी वस्तुओं का प्रमाण है।