प्रकाशित वाक्य 9

अध्याय 9

1और जब पांचवें स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी, तो मैं ने स्वर्ग से पृथ्वी पर एक तारा गिरता हुआ देखा, और उसे अथाह कुण्ड की कुंजी दी गई।

लूका – अध्याय 10:18 उस ने उन से कहा; मैं शैतान को बिजली की नाईं स्वर्ग से गिरा हुआ देख रहा था।

लूका – अध्याय 8:31 और उन्होंने उस से बिनती की, कि हमें अथाह गड़हे में जाने की आज्ञा न दे।
और उस ने अथाह कुण्ड को खोला, और कुण्ड में से बड़ी भट्टी का सा धुआं उठा, और कुण्ड के धुएं से सूर्य और वायु अन्धयारी हो गई।

योएल – अध्याय 2:2,10 वह अन्धकार और तिमिर का दिन है, वह बदली का दिन है और अन्धियारे का सा फैलता है। जैसे भोर का प्रकाश पहाड़ों पर फैलता है, वैसे ही एक बड़ी और सामर्थी जाति आएगी; प्राचीनकाल में वैसी कभी न हुई, और न उसके बाद भी फिर किसी पीढ़ी में होगी॥

उनके आगे पृथ्वी कांप उठती है, और आकाश थरथराता है। सूर्य और चन्द्रमा काले हो जाते हैं, और तारे नहीं झलकते।

और उस धुएं में से पृथ्वी पर टिड्डियाँ निकलीं, और उन्हें पृथ्वी के बिच्छुओं की सी शक्ति दी गई।

निर्गमन – अध्याय 10:4 यदि तू मेरी प्रजा को जाने न दे तो सुन, कल मैं तेरे देश में टिड्डियां ले आऊंगा।

न्यायियों – अध्याय 7:12 मिद्यानी और अमालेकी और सब पूर्वी लोग तो टिड्डियों के समान बहुत से तराई में फैले पड़े थे; और उनके ऊंट समुद्रतीर के बालू के किनकों के समान गिनती से बाहर थे।

और उन से कहा गया, कि न पृथ्वी की घास को, न किसी हरियाली को, न किसी पेड़ को हानि पहुंचाओ, केवल उन मनुष्यों को जिन के माथे पर परमेश्वर की मुहर नहीं है।

यहेजकेल – अध्याय 9:4 और यहोवा ने उस से कहा, इस यरूशलेम नगर के भीतर इधर उधर जा कर जितने मनुष्य उन सब घृणित कामों के कारण जो उस में किए जाते हैं, सांसें भरते और दु:ख के मारे चिल्लाते हैं, उनके माथों पर चिन्ह कर दे।

और उन्हें मार डालने का तो नहीं, पर पांच महीने तक लोगों को पीड़ा देने का अधिकार दिया गया: और उन की पीड़ा ऐसी थी, जैसे बिच्छू के डंक मारने से मनुष्य को होती है।
उन दिनों में मनुष्य मृत्यु को ढूंढ़ेंगे, ओर न पाएंगे; और मरने की लालसा करेंगे, और मृत्यु उन से भागेगी।

अय्यूब – अध्याय 3:21 वे मृत्यु की बाट जोहते हैं पर वह आती नहीं; और गड़े हुए धन से अधिक उसकी खोज करते हैं;

यशायाह – अध्याय 2:19 और जब यहोवा पृथ्वी के कम्पित करने के लिये उठेगा, तब उसके भय के कारण और उसके प्रताप के मारे लोग चट्टानों की गुफाओं और भूमि के बिलों में जा घुसेंगे॥

यिर्मयाह – अध्याय 8:3 तब इस बुरे कुल के बचे हुए लोग उन सब स्थानों में जिस में मैं ने उन्हें निकाल दिया है, जीवन से मृत्यु ही को अधिक चाहेंगे, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
और उन टिड्डियों के आकार लड़ाई के लिये तैयार किए हुए घोड़ों के से थे, और उन के सिरों पर मानों सोने के मुकुट थे; और उसके मुंह मनुष्यों के से थे।

योएल – अध्याय 2:4 उनका रूप घोड़ों का सा है, और वे सवारी के घोड़ों की नाईं दौड़ते हैं।

नहूम – अध्याय 3:17 तेरे मुकुटधारी लोग टिड्डियों के समान, और सेनापति टिड्डियों के दलों सरीखे ठहरेंगे जो जाड़े के दिन में बाड़ों पर टिकते हैं, परन्तु जब सूर्य दिखाई देता है तब भाग जाते हैं; और कोई नहीं जानता कि वे कहां गए॥

दानिय्येल – अध्याय 7:8 मैं उन सींगों को ध्यान से देख रहा था तो क्या देखा कि उनके बीच एक और छोटा सा सींग निकला, और उसके बल से उन पहिले सींगों में से तीन उखाड़े गए; फिर मैं ने देखा कि इस सींग में मनुष्य की सी आंखें, और बड़ा बोल बोलने वाला मुंह भी है।

और उन के बाल स्त्रियों के से, और दांत सिहों के से थे।

योएल – अध्याय 1:6 देखो, मेरे देश पर एक जाति ने चढ़ाई की है, वह सामर्थी है, और उसके लोग अनगिनित हैं; उसके दांत सिंह के से, और डाढ़ें सिहनी की सी हैं।

और वे लोहे की सी झिलम पहिने थे, और उन के पंखों का शब्द ऐसा था जैसा रथों और बहुत से घोड़ों का जो लड़ाई में दौड़ते हों।

योएल – अध्याय 2:5,6,7 उनके कूदने का शब्द ऐसा होता है जैसा पहाड़ों की चोटियों पर रथों के चलने का, वा खूंटी भस्म करती हुई लौ का, था जैसे पांति बान्धे हुए बली योद्धाओं का शब्द होता है॥
उनके सामने जाति जाति के लोग पीड़ित होते हैं, सब के मुख मलीन होते हैं।
वे शूरवीरों की नाईं दौड़ते, और योद्धाओं की भांति शहरपनाह पर चढ़ते हैं वे अपने अपने मार्ग पर चलते हैं, और कोई अपनी पांति से अलग न चलेगा।

10 और उन की पूंछ बिच्छुओं की सी थीं, और उन में डंक थे, और उन्हें पांच महीने तक मनुष्यों को दुख पहुंचाने की जो सामर्थ थी, वह उन की पूंछों में थी।
11 अथाह कुण्ड का दूत उन पर राजा था, उसका नाम इब्रानी में अबद्दोन, और यूनानी में अपुल्लयोन है॥

इफिसियों – अध्याय 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।

12 पहिली विपत्ति बीत चुकी, देखो अब इन के बाद दो विपत्तियां और होने वाली हैं॥
13 और जब छठवें स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी तो जो सोने की वेदी परमेश्वर के साम्हने है उसके सींगो में से मैं ने ऐसा शब्द सुना।
14 मानों कोई छठवें स्वर्गदूत से जिस के पास तुरही थी कह रहा है कि उन चार स्वर्गदूतों को जो बड़ी नदी फुरात के पास बन्धे हुए हैं, खोल दे।
15 और वे चारों दूत खोल दिए गए जो उस घड़ी, और दिन, और महीने, और वर्ष के लिये मनुष्यों की एक तिहाई के मार डालने को तैयार किए गए थे।
16 और फौजों के सवारों की गिनती बीस करोड़ थी; मैं ने उन की गिनती सुनी।

भजन संहिता – अध्याय 68:17 परमेश्वर के रथ बीस हजार, वरन हजारों हजार हैं; प्रभु उनके बीच में है, जैसे वह सीनै पवित्र स्थान में है।

दानिय्येल – अध्याय 7:10 उस प्राचीन के सम्मुख से आग की धारा निकल कर बह रही थी; फिर हजारोंहजार लोग उसकी सेवा टहल कर रहे थे, और लाखों लाख लोग उसके साम्हने हाजिर थे; फिर न्यायी बैठ गए, और पुस्तकें खोली गईं।
17 और मुझे इस दर्शन में घोड़े और उन के ऐसे सवार दिखाई दिए, जिन की झिलमें आग, और धूम्रकान्त, और गन्धक की सी थीं, और उन घोड़ों के सिर सिंहों के सिरों के से थे: और उन के मुंह से आग, और धुआं, और गन्धक निकलती थी।

2 इतिहास – अध्याय 12:8 तौभी वे उसके आधीन तो रहेंगे, ताकि वे मेरी और देश देश के राज्यों की भी सेवा जान लें।

यशायाह – अध्याय 5:28,29 उनके तीर चोखे और धनुष चढ़ाए हुए हैं, उनके घोड़ों के खुर वज्र के से और रथों के पहिये बवण्डर सरीखे हैं।
वे सिंह वा जवान सिंह की नाईं गरजते हैं; वे गुर्राकर अहेर को पकड़ लेते और उसको ले भागते हैं, और कोई उसे उन से नहीं छुड़ा सकता।

18 इन तीनों मरियों; अर्थात आग, और धुएं, और गन्धक से जो उसके मुंह से निकलती थीं, मनुष्यों की एक तिहाई मार डाली गई।

यशायाह – अध्याय 9:15 पुरनिया और प्रतिष्ठित पुरूष तो सिर हैं, और झूठी बातें सिखाने वाला नबी पूंछ है;
19 क्योंकि उन घोड़ों की सामर्थ उन के मुंह, और उन की पूंछों में थी; इसलिये कि उन की पूंछे सांपों की सी थीं, और उन पूंछों के सिर भी थे, और इन्हीं से वे पीड़ा पहुंचाते थे।
20 और बाकी मनुष्यों ने जो उन मरियों से न मरे थे, अपने हाथों के कामों से मन न फिराया, कि दुष्टात्माओं की, और सोने और चान्दी, और पीतल, और पत्थर, और काठ की मूरतों की पूजा न करें, जो न देख, न सुन, न चल सकती हैं।

व्यवस्थाविवरण – अध्याय 31:29 क्योंकि मुझे मालूम है कि मेरी मृत्यु के बाद तुम बिलकुल बिगड़ जाओगे, और जिस मार्ग में चलने की आज्ञा मैं ने तुम को सुनाई है उसको भी तुम छोड़ दोगे; और अन्त के दिनों में जब तुम वह काम करके जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, अपनी बनाई हुई वस्तुओं की पूजा करके उसको रिस दिलाओगे, तब तुम पर विपत्ति आ पड़ेगी॥

लैव्यवस्था – अध्याय 17:7 और वे जो बकरों के पूजक हो कर व्यभिचार करते हैं, वे फिर अपने बलिपशुओं को उनके लिये बलिदान न करें। तुम्हारी पीढिय़ों के लिये यह सदा की विधि होगी॥

व्यवस्थाविवरण – अध्याय 32:17 उन्होंने पिशाचों के लिये जो ईश्वर न थे बलि चढ़ाए, और उनके लिये वे अनजाने देवता थे, वे तो नये नये देवता थे जो थोड़े ही दिन से प्रकट हुए थे, और जिन से उनके पुरखा कभी डरे नहीं।

भजन संहिता – अध्याय 106:37 वरन उन्होंने अपने बेटे- बेटियों को पिशाचों के लिये बलिदान किया;

1 कुरिन्थियों – अध्याय 10:20 नहीं, वरन यह, कि अन्यजाति जो बलिदान करते हैं, वे परमेश्वर के लिये नहीं, परन्तु दुष्टात्माओं के लिये बलिदान करते हैं: और मैं नहीं चाहता, कि तुम दुष्टात्माओं के सहभागी हो।

भजन संहिता – अध्याय 115:4 उन लोगों की मूरतें सोने चान्दी ही की तो हैं, वे मनुष्यों के हाथ की बनाईं हुई हैं।

भजन संहिता – अध्याय 135:15 अन्यजातियों की मूरतें सोना- चान्दी ही हैं, वे मनुष्यों की बनाईं हुई हैं।

दानिय्येल – अध्याय 5:23 वरन तू ने स्वर्ग के प्रभु के विरुद्ध सिर उठा कर उसके भवन के पात्र मंगवा कर अपने साम्हने धरवा लिए, और अपने प्रधानों और रानियों और रखेलियों समेत तू ने उन में दाखमधु पिया; और चान्दी-सोने, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवता, जो न देखते न सुनते, न कुछ जानते हैं, उनकी तो स्तुति की, परन्तु परमेश्वर, जिसके हाथ में तेरा प्राण है, और जिसके वश में तेरा सब चलना फिरना है, उसका सन्मान तू ने नहीं किया॥

21 और जो खून, और टोना, और व्यभिचार, और चोरियां, उन्होंने की थीं, उन से मन न फिराया॥

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