प्रेरितों के काम 22

अध्याय 22

हे भाइयों, और पितरो, मेरा प्रत्युत्तर सुनो, जो मैं अब तुम्हारे साम्हने कहता हूं॥
वे यह सुनकर कि वह हम से इब्रानी भाषा में बोलता है, और भी चुप रहे। तब उस ने कहा;
मैं तो यहूदी मनुष्य हूं, जो किलिकिया के तरसुस में जन्मा; परन्तु इस नगर में गमलीएल के पांवों के पास बैठकर पढ़ाया गया, और बाप दादों की व्यवस्था की ठीक रीति पर सिखाया गया; और परमेश्वर के लिये ऐसी धुन लगाए था, जैसे तुम सब आज लगाए हो।

2 कुरिन्थियों – अध्याय 11:22 क्या वे ही इब्रानी हैं? मैं भी हूं: क्या वे ही इस्त्राएली हैं? मैं भी हूँ: क्या वे ही इब्राहीम के वंश के हैं ?मैं भी हूं: क्या वे ही मसीह के सेवक हैं?

फिलिप्पियों – अध्याय 3:5 आठवें दिन मेरा खतना हुआ, इस्त्राएल के वंश, और बिन्यामीन के गोत्र का हूं; इब्रानियों का इब्रानी हूं; व्यवस्था के विषय में यदि कहो तो फरीसी हूं।

व्यवस्थाविवरण – अध्याय 33:3 वह निश्चय देश देश के लोगों से प्रेम करता है; उसके सब पवित्र लोग तेरे हाथ में हैं: वे तेरे पांवों के पास बैठे रहते हैं, एक एक तेरे वचनों से लाभ उठाता है॥

2 राजा – अध्याय 4:38 तब एलीशा गिलगाल को लौट गया। उस समय देश में अकाल था, और भविष्यद्वक्ताओं के चेले उसके साम्हने बैटे हुए थे, और उसने अपने सेवक से कहा, हण्डा चढ़ा कर भविष्यद्वक्ताओं के चेलों के लिये कुछ पका।

लूका – अध्याय 10:39 और मरियम नाम उस की एक बहिन थी; वह प्रभु के पांवों के पास बैठकर उसका वचन सुनती थी।

रोमियो – अध्याय 10:2 क्योंकि मैं उन की गवाही देता हूं, कि उन को परमेश्वर के लिये धुन रहती है, परन्तु बुद्धिमानी के साथ नहीं।

और मैं ने पुरूष और स्त्री दोनों को बान्ध बान्धकर, और बन्दीगृह में डाल डालकर, इस पंथ को यहां तक सताया, कि उन्हें मरवा भी डाला।

फिलिप्पियों – अध्याय 3:6 उत्साह के विषय में यदि कहो तो कलीसिया का सताने वाला; और व्यवस्था की धामिर्कता के विषय में यदि कहो तो निर्दोष था।

1 तीमुथियुस – अध्याय 1:13 मैं तो पहिले निन्दा करने वाला, और सताने वाला, और अन्धेर करने वाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैं ने अविश्वास की दशा में बिन समझे बूझे, ये काम किए थे।
इस बात के लिये महायाजक और सब पुरिनये गवाह हैं; कि उन में से मैं भाइयों के नाम पर चिट्ठियां लेकर दमिश्क को चला जा रहा था, कि जो वहां हों उन्हें भी दण्ड दिलाने के लिये बान्धकर यरूशलेम में लाऊं।

लूका – अध्याय 22:66 जब दिन हुआ तो लोगों के पुरिनए और महायाजक और शास्त्री इकट्ठे हुए, और उसे अपनी महासभा में लाकर पूछा,
जब मैं चलते चलते दमिश्क के निकट पहुंचा, तो ऐसा हुआ कि दोपहर के लगभग एकाएक एक बड़ी ज्योति आकाश से मेरे चारों ओर चमकी।
और मैं भूमि पर गिर पड़ा: और यह शब्द सुना, कि हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? मैं ने उत्तर दिया, कि हे प्रभु, तू कौन है?
उस ने मुझ से कहा; मैं यीशु नासरी हूं, जिस तू सताता है।
और मेरे साथियों ने ज्योति तो देखी, परन्तु जो मुझ से बोलता था उसका शब्द न सुना।

दानिय्येल – अध्याय 10:7 उसको केवल मुझ दानिय्येल ही ने देखा, और मेरे संगी मनुष्यों को उसका कुछ भी दर्शन न हुआ; परन्तु वे बहुत ही थरथराने लगे, और छिपने के लिये भाग गए।

10 तब मैने कहा; हे प्रभु मैं क्या करूं प्रभु ने मुझ से कहा; उठकर दमिश्क में जा, और जो कुछ तेरे करने के लिये ठहराया गया है वहां तुझ से सब कह दिया जाएगा।
11 जब उस ज्योति के तेज के मारे मुझे कुछ दिखाई न दिया, तो मैं अपने साथियों के हाथ पकड़े हुए दमिश्क में आया।
12 और हनन्याह नाम का व्यवस्था के अनुसार एक भक्त मनुष्य, जो वहां के रहने वाले सब यहूदियों में सुनाम था, मेरे पास आया।

1 तीमुथियुस – अध्याय 3:7 और बाहर वालों में भी उसका सुनाम हो ऐसा न हो कि निन्दित होकर शैतान के फंदे में फंस जाए।

13 और खड़ा होकर मुझ से कहा; हे भाई शाऊल फिर देखने लग: उसी घड़ी मेरे नेत्र खुल गए और मैं ने उसे देखा।
14 तब उस ने कहा; हमारे बाप दादों के परमेश्वर ने तुझे इसलिये ठहराया है, कि तू उस की इच्छा को जाने, और उस धर्मी को देखे, और उसके मुंह से बातें सुने।

1 कुरिन्थियों – अध्याय 9:1 क्या मैं स्वतंत्र नहीं? क्या मैं प्रेरित नहीं? क्या मैं ने यीशु को जो हमारा प्रभु है, नहीं देखा? क्या तुम प्रभु में मेरे बनाए हुए नहीं?

1 कुरिन्थियों – अध्याय 15:8 और सब के बाद मुझ को भी दिखाई दिया, जो मानो अधूरे दिनों का जन्मा हूं।

1 कुरिन्थियों – अध्याय 11:23 क्योंकि यह बात मुझे प्रभु से पहुंची, और मैं ने तुम्हें भी पहुंचा दी; कि प्रभु यीशु ने जिस रात वह पकड़वाया गया रोटी ली।

गलातियों – अध्याय 1:12 क्योंकि वह मुझे मनुष्य की ओर से नहीं पहुंचा, और न मुझे सिखाया गया, पर यीशु मसीह के प्रकाश से मिला।

15 क्योंकि तू उस की ओर से सब मनुष्यों के साम्हने उन बातों का गवाह होगा, जो तू ने देखी और सुनी हैं।
16 अब क्यों देर करता है? उठ, बपतिस्मा ले, और उसका नाम लेकर अपने पापों को धो डाल।

रोमियो – इब्रानियों – अध्याय 10:22 तो आओ; हम सच्चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक को दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव लेकर, और देह को शुद्ध जल से धुलवा कर परमेश्वर के समीप जाएं।

अध्याय 10:13 क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा।

17 जब मैं फिर यरूशलेम में आकर मन्दिर में प्रार्थना कर रहा था, तो बेसुध हो गया।

2 कुरिन्थियों – अध्याय 12:2 मैं मसीह में एक मनुष्य को जानता हूं, चौदह वर्ष हुए कि न जाने देह सहित, न जाने देह रहित, परमेश्वर जानता है, ऐसा मनुष्य तीसरे स्वर्ग तक उठा लिया गया।

18 और उस ने देखा कि मुझ से कहता है; जल्दी करके यरूशलेम से झट निकल जा: क्योंकि वे मेरे विषय में तेरी गवाही न मानेंगे।

मत्ती – अध्याय 10:14 और जो कोई तुम्हें ग्रहण न करे, और तुम्हारी बातें न सुने, उस घर या उस नगर से निकलते हुए अपने पांवों की धूल झाड़ डालो।
19 मैं ने कहा; हे प्रभु वे तो आप जानते हैं, कि मैं तुझ पर विश्वास करने वालों को बन्दीगृह में डालता और जगह जगह आराधनालय में पिटवाता था।

मत्ती – अध्याय 10:17 परन्तु लोगों से सावधान रहो, क्योंकि वे तुम्हें महासभाओं में सौपेंगे, और अपनी पंचायत में तुम्हें कोड़े मारेंगे।


20 और जब तेरे गवाह स्तिफनुस का लोहू बहाया जा रहा था तब मैं भी वहां खड़ा था, और इस बात में सहमत था, और उसके घातकों के कपड़ों की रखवाली करता था।

लूका – अध्याय 11:48 सो तुम गवाह हो, और अपने बाप-दादों के कामों में सहमत हो; क्योंकि उन्होंने तो उन्हें मार डाला और तुम उन की कब्रें बनाते हो।

रोमियो – अध्याय 1:32 वे तो परमेश्वर की यह विधि जानते हैं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले मुत्यु के दण्ड के योग्य हैं, तौभी न केवल आप ही ऐसे काम करते हैं, वरन करने वालों से प्रसन्न भी होते हैं॥

21 और उस ने मुझ से कहा, चला जा: क्योंकि मैं तुझे अन्यजातियों के पास दूर दूर भेजूंगा॥

रोमियो – अध्याय 1:5 जिस के द्वारा हमें अनुग्रह और प्रेरिताई मिली; कि उसके नाम के कारण सब जातियों के लोग विश्वास करके उस की मानें।

रोमियो – अध्याय 11:13 मैं तुम अन्यजातियों से यह बातें कहता हूं: जब कि मैं अन्याजातियों के लिये प्रेरित हूं, तो मैं अपनी सेवा की बड़ाई करता हूं।

रोमियो – अध्याय 15:16 कि मैं अन्याजातियों के लिये मसीह यीशु का सेवक होकर परमेश्वर के सुसमाचार की सेवा याजक की नाईं करूं; जिस से अन्यजातियों का मानों चढ़ाया जाना, पवित्र आत्मा से पवित्र बनकर ग्रहण किया जाए।

गलातियों – अध्याय 1:15,16 परन्तु परमेश्वर की, जिस ने मेरी माता के गर्भ ही से मुझे ठहराया और अपने अनुग्रह से बुला लिया,
जब इच्छा हुई, कि मुझ में अपने पुत्र को प्रगट करे कि मैं अन्यजातियों में उसका सुसमाचार सुनाऊं; तो न मैं ने मांस और लोहू से सलाह ली;

गलातियों – अध्याय 2:7,8 परन्तु इसके विपरीत जब उन्होंने देखा, कि जैसा खतना किए हुए लोगों के लिये सुसमाचार का काम पतरस को सौंपा गया वैसा ही खतना रहितों के लिये मुझे सुसमाचार सुनाना सौंपा गया।
(क्योंकि जिस ने पतरस से खतना किए हुओं में प्रेरिताई का कार्य बड़े प्रभाव सहित करवाया, उसी ने मुझ से भी अन्यजातियों में प्रभावशाली कार्य करवाया)

इफिसियों – अध्याय 3:7,8 और मैं परमेश्वर के अनुग्रह के उस दान के अनुसार, जो उसकी सामर्थ के प्रभाव के अनुसार मुझे दिया गया, उस सुसमाचार का सेवक बना।
मुझ पर जो सब पवित्र लोगों में से छोटे से भी छोटा हूं, यह अनुग्रह हुआ, कि मैं अन्यजातियों को मसीह के अगम्य धन का सुसमाचार सुनाऊं।

1 तीमुथियुस – अध्याय 2:7 मैं सच कहता हूं, झूठ नहीं बोलता, कि मैं इसी उद्देश्य से प्रचारक और प्रेरित और अन्यजातियों के लिये विश्वास और सत्य का उपदेशक ठहराया गया॥

2 तीमुथियुस – अध्याय 1:11 जिस के लिये मैं प्रचारक, और प्रेरित, और उपदेशक भी ठहरा।
22 वे इस बात तक उस की सुनते रहे; तब ऊंचे शब्द से चिल्लाए, कि ऐसे मनुष्य का अन्त करो; उसका जीवित रहता उचित नहीं।
23 जब वे चिल्लाते और कपड़े फेंकते और आकाश में धूल उड़ाते थे;
24 तो पलटन के सूबेदार ने कहा; कि इसे गढ़ में ले जाओ; और कोड़े मार कर जांचो, कि मैं जानूं कि लोग किस कारण उसके विरोध में ऐसा चिल्ला रहे हैं।
25 जब उन्होंने उसे तसमों से बान्धा तो पौलुस ने उस सूबेदार से जो पास खड़ा था कहा, क्या यह उचित है, कि तुम एक रोमी मनुष्य को, और वह भी बिना दोषी ठहराए हुए कोड़े मारो?
26 सूबेदार ने यह सुनकर पलटन के सरदार के पास जाकर कहा; तू यह क्या करता है? यह तो रोमी है।
27 तब पलटन के सरदार ने उसके पास आकर कहा; मुझे बता, क्या तू रोमी है? उस ने कहा, हां।
28 यह सुनकर पलटन के सरदार ने कहा; कि मैं ने रोमी होने का पद बहुत रूपये देकर पाया है: पौलुस ने कहा, मैं तो जन्म से रोमी हूं।
29 तब जो लोग उसे जांचने पर थे, वे तुरन्त उसके पास से हट गए; और पलटन का सरदार भी यह जानकर कि यह रोमी है, और मैं ने उसे बान्धा है, डर गया॥
30 दूसरे दिन वह ठीक ठीक जानने की इच्छा से कि यहूदी उस पर क्यों दोष लगाते हैं, उसके बन्धन खोल दिए; और महायाजकों और सारी महासभा को इकट्ठे होने की आज्ञा दी, और पौलुस को नीचे ले जाकर उन के साम्हने खड़ा कर दिया॥

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