अध्याय 6
1जितने दास जूए के नीचे हैं, वे अपने अपने स्वामी को बड़े आदर के योग्य जानें, ताकि परमेश्वर के नाम और उपदेश की निन्दा न हो।
इफिसियों – अध्याय 6:5 हे दासो, जो लोग शरीर के अनुसार तुम्हारे स्वामी हैं, अपने मन की सीधाई से डरते, और कांपते हुए, जैसे मसीह की, वैसे ही उन की भी आज्ञा मानो।
कुलुस्सियों – अध्याय 3:22 हे सेवकों, जो शरीर के अनुसार तुम्हारे स्वामी हैं, सब बातों में उन की आज्ञा का पालन करो, मनुष्यों को प्रसन्न करने वालों की नाईं दिखाने के लिये नहीं, परन्तु मन की सीधाई और परमेश्वर के भय से।
तीतुस – अध्याय 2:9 दासों को समझा, कि अपने अपने स्वामी के आधीन रहें, और सब बातों में उन्हें प्रसन्न रखें, और उलट कर जवाब न दें।
1 पतरस – अध्याय 2:18 हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी।
यशायाह – अध्याय 52:5 इसलिये यहोवा की यह वाणी है कि मैं अब यहां क्या करूं जब कि मेरी प्रजा सेंतमेंत हर ली गई है? यहोवा यह भी कहता है कि जो उन पर प्रभुता करते हैं वे उधम मचा रहे हैं, और, मेरे नाम कि निन्दा लगातार दिन भर होती रहती है।
रोमियो – अध्याय 2:24 क्योंकि तुम्हारे कारण अन्यजातियों में परमेश्वर के नाम की निन्दा की जाती है जैसा लिखा भी है।
तीतुस – अध्याय 2:5,8 और संयमी, पतिव्रता, घर का कारबार करने वाली, भली और अपने अपने पति के आधीन रहने वाली हों, ताकि परमेश्वर के वचन की निन्दा न होने पाए।
और ऐसी खराई पाई जाए, कि कोई उसे बुरा न कह सके; जिस से विरोधी हम पर कोई दोष लगाने का अवसर न पाकर लज्ज़ित हों।
2 और जिन के स्वामी विश्वासी हैं, इन्हें वे भाई होने के कारण तुच्छ न जानें; वरन उन की और भी सेवा करें, क्योंकि इस से लाभ उठाने वाले विश्वासी और प्रेमी हैं: इन बातों का उपदेश किया कर और समझाता रह॥
कुलुस्सियों – अध्याय 4:1 हेस्वामियों, अपने अपने दासों के साथ न्याय और ठीक ठीक व्यवहार करो, यह समझकर कि स्वर्ग में तुम्हारा भी एक स्वामी है॥
3 यदि कोई और ही प्रकार का उपदेश देता है; और खरी बातों को, अर्थात हमारे प्रभु यीशु मसीह की बातों को और उस उपदेश को नहीं मानता, जो भक्ति के अनुसार है।
2 तीमुथियुस – अध्याय 1:13 जो खरी बातें तू ने मुझ से सुनी हैं उन को उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, अपना आदर्श बनाकर रख।
2 तीमुथियुस – अध्याय 4:3 क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे।
तीतुस – अध्याय 1:9 और विश्वासयोग्य वचन पर जो धर्मोपदेश के अनुसार है, स्थिर रहे; कि खरी शिक्षा से उपदेश दे सके; और विवादियों का मुंह भी बन्द कर सके॥
तीतुस – अध्याय 1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर का दास और यीशु मसीह का प्रेरित है, परमेश्वर के चुने हुए लोगों के विश्वास, और उस सत्य की पहिचान के अनुसार जो भक्ति के अनुसार है।
4 तो वह अभिमानी हो गया, और कुछ नहीं जानता, वरन उसे विवाद और शब्दों पर तर्क करने का रोग है, जिन से डाह, और झगड़े, और निन्दा की बातें, और बुरे बुरे सन्देह।
1 कुरिन्थियों – अध्याय 8:2 यदि कोई समझे, कि मैं कुछ जानता हूं, तो जैसा जानना चाहिए वैसा अब तक नहीं जानता।
2 तीमुथियुस – अध्याय 2:23 पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह; क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं।
तीतुस – अध्याय 3:9 पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और बैर विरोध, और उन झगड़ों से, जो व्यवस्था के विषय में हों बचा रह; क्योंकि वे निष्फल और व्यर्थ हैं।
5 और उन मनुष्यों में व्यर्थ रगड़े झगड़े उत्पन्न होते हैं, जिन की बुद्धि बिगड़ गई है और वे सत्य से विहीन हो गए हैं, जो समझते हैं कि भक्ति कमाई का द्वार है।
1 कुरिन्थियों – अध्याय 11:16 परन्तु यदि कोई विवाद करना चाहे, तो यह जाने कि न हमारी और न परमेश्वर की कलीसियों की ऐसी रीति है॥
2 तीमुथियुस – अध्याय 3:8 और जैसे यन्नेस और यम्ब्रेस ने मूसा का विरोध किया था वैसे ही ये भी सत्य का विरोध करते हैं: ये तो ऐसे मनुष्य हैं, जिन की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है और वे विश्वास के विषय में निकम्मे हैं।
तीतुस – अध्याय 1:11 इन का मुंह बन्द करना चाहिए: ये लोग नीच कमाई के लिये अनुचित बातें सिखा कर घर के घर बिगाड़ देते हैं।
2 पतरस – अध्याय 2:3 और वे लोभ के लिये बातें गढ़ कर तुम्हें अपने लाभ का कारण बनाएंगे, और जो दण्ड की आज्ञा उन पर पहिले से हो चुकी है, उसके आने में कुछ भी देर नहीं, और उन का विनाश ऊंघता नहीं।
रोमियो – अध्याय 16:17 अब हे भाइयो, मैं तुम से बिनती करता हूं, कि जो लोग उस शिक्षा के विपरीत जो तुम ने पाई है, फूट पड़ने, और ठोकर खाने के कारण होते हैं, उन्हें ताड़ लिया करो; और उन से दूर रहो।
2 तीमुथियुस – अध्याय 3:5 वे भक्ति का भेष तो धरेंगे, पर उस की शक्ति को न मानेंगे; ऐसों से परे रहना।
6 पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है।
भजन संहिता – अध्याय 37:16 धर्मी का थोड़ा से माल दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है।
नीतिवचन – अध्याय 15:16 घबराहट के साथ बहुत रखे हुए धन से, यहोवा के भय के साथ थोड़ा ही धन उत्तम है,
नीतिवचन – अध्याय 16:8 अन्याय के बड़े लाभ से, न्याय से थोड़ा ही प्राप्त करना उत्तम है।
7 क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं।
अय्यूब – अध्याय 1:21 मैं अपनी मां के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊंगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है।
भजन संहिता – अध्याय 49:17 क्योंकि वह मर कर कुछ भी साथ न ले जाएगा; न उसका वैभव उसके साथ कब्र में जाएगा।
नीतिवचन – अध्याय 27:24 क्योंकि सम्पत्ति सदा नहीं ठहरती; और क्या राजमुकुट पीढ़ी-पीढ़ी चला जाता है?
सभोपदेशक – अध्याय 5:15 जैसा वह मां के पेट से निकला वैसा ही लौट जाएगा; नंगा ही, जैसा आया था, और अपने परिश्रम के बदले कुछ भी न पाएगा जिसे वह अपने हाथ में ले जा सके।
8 और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्हीं पर सन्तोष करना चाहिए।
उत्पत्ति – अध्याय 28:20 और याकूब ने यह मन्नत मानी, कि यदि परमेश्वर मेरे संग रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिये रोटी, और पहिनने के लिये कपड़ा दे,
इब्रानियों – अध्याय 13:5 तुम्हारा स्वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उस ने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा।
9 पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं।
नीतिवचन – अध्याय 15:27 लालची अपने घराने को दु:ख देता है, परन्तु घूस से घृणा करने वाला जीवित रहता है।
नीतिवचन – अध्याय 20:21 जो भाग पहिले उतावली से मिलता है, अन्त में उस पर आशीष नहीं होती।
नीतिवचन – अध्याय 28:20 सच्चे मनुष्य पर बहुत आशीर्वाद होते रहते हैं, परन्तु जो धनी होने में उतावली करता है, वह निर्दोष नहीं ठहरता।
मत्ती – अध्याय 13:22 जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता।
याकूब – अध्याय 5:1 हेधनवानों सुन तो लो; तुम अपने आने वाले क्लेशों पर चिल्ला-चिल्लाकर रोओ।
10 क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है॥
निर्गमन – अध्याय 23:8 घूस न लेना, क्योंकि घूस देखने वालों को भी अन्धा कर देता, और धर्मियों की बातें पलट देता है।
व्यवस्थाविवरण – अध्याय 16:19 तुम न्याय न बिगाड़ना; तू न तो पक्षपात करना; और न तो घूस लेना, क्योंकि घूस बुद्धिमान की आंखें अन्धी कर देती है, और धर्मियों की बातें पलट देती है।
11 पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर।
2 तीमुथियुस – अध्याय 2:22 जवानी की अभिलाषाओं से भाग; और जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम लेते हैं, उन के साथ धर्म, और विश्वास, और प्रेम, और मेल-मिलाप का पीछा कर।
व्यवस्थाविवरण – अध्याय 33:1 जोआशीर्वाद परमेश्वर के जन मूसा ने अपनी मृत्यु से पहिले इस्राएलियों को दिया वह यह है॥
2 तीमुथियुस – अध्याय 3:17 ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए॥
12 विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़; और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिस के लिये तू बुलाया, गया, और बहुत गवाहों के साम्हने अच्छा अंगीकार किया था।
1 कुरिन्थियों – अध्याय 9:26 और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं।
इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है।
2 तीमुथियुस – अध्याय 4:7 मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
फिलिप्पियों – अध्याय 3:12,14 यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था।
निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।
इब्रानियों – अध्याय 13:23 तुम यह जान लो कि तीमुथियुस हमारा भाई छूट गया है और यदि वह शीघ्र आ गया, तो मैं उसके साथ तुम से भेंट करूंगा।
13 मैं तुझे परमेश्वर को जो सब को जीवित रखता है, और मसीह यीशु को गवाह कर के जिस ने पुन्तियुस पीलातुस के साम्हने अच्छा अंगीकार किया, यह आज्ञा देता हूं,
व्यवस्थाविवरण – अध्याय 32:39 इसलिये अब तुम देख लो कि मैं ही वह हूं, और मेरे संग कोई देवता नहीं; मैं ही मार डालता, और मैं जिलाता भी हूं; मैं ही घायल करता, और मैं ही चंगा भी करता हूं; और मेरे हाथ से कोई नहीं छुड़ा सकता॥
1 शमूएल – अध्याय 2:6 यहोवा मारता है और जिलाता भी है; वही अधोलोक में उतारता और उस से निकालता भी है॥
यूहन्ना – अध्याय 5:21 क्योंकि जैसा पिता मरे हुओं को उठाता और जिलाता है, वैसा ही पुत्र भी जिन्हें चाहता है उन्हें जिलाता है।
मत्ती – अध्याय 27:11 जब यीशु हाकिम के साम्हने खड़ा था, तो हाकिम ने उस से पूछा; कि क्या तू यहूदियों का राजा है? यीशु ने उस से कहा, तू आप ही कह रहा है।
यूहन्ना – अध्याय 18:37 पीलातुस ने उस से कहा, तो क्या तू राजा है? यीशु ने उत्तर दिया, कि तू कहता है, क्योंकि मैं राजा हूं; मैं ने इसलिये जन्म लिया, और इसलिये जगत में आया हूं कि सत्य पर गवाही दूं जो कोई सत्य का है, वह मेरा शब्द सुनता है।
प्रकाशित वाक्य – अध्याय 1:5 और यीशु मसीह की ओर से, जो विश्वासयोग्य साक्षी और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा, और पृथ्वी के राजाओं का हाकिम है, तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे: जो हम से प्रेम रखता है, और जिस ने अपने लोहू के द्वारा हमें पापों से छुड़ाया है।
प्रकाशित वाक्य – अध्याय 3:14 और लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो आमीन, और विश्वासयोग्य, और सच्चा गवाह है, और परमेश्वर की सृष्टि का मूल कारण है, वह यह कहता है।
14 कि तू हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रगट होने तक इस आज्ञा को निष्कलंक और निर्दोष रख।
फिलिप्पियों – अध्याय 1:6,10 और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिस ने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा।
यहां तक कि तुम उत्तम से उत्तम बातों को प्रिय जानो, और मसीह के दिन तक सच्चे बने रहो; और ठोकर न खाओ।
1 थिस्सलुनीकियों – अध्याय 3:13 ताकि वह तुम्हारे मनों को ऐसा स्थिर करे, कि जब हमारा प्रभु यीशु अपने सब पवित्र लोगों के साथ आए, तो वे हमारे परमेश्वर और पिता के साम्हने पवित्रता में निर्दोष ठहरें॥
1 थिस्सलुनीकियों – अध्याय 5:23 शान्ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे; और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूरे पूरे और निर्दोष सुरक्षित रहें।
15 जिसे वह ठीक समयों में दिखाएगा, जो परमधन्य और अद्वैत अधिपति और राजाओं का राजा, और प्रभुओं का प्रभु है।
प्रकाशित वाक्य – अध्याय 17:14 ये मेम्ने से लड़ेंगे, और मेम्ना उन पर जय पाएगा; क्योंकि वह प्रभुओं का प्रभु, और राजाओं का राजा है: और जो बुलाए हुए, और चुने हुए, ओर विश्वासी उसके साथ हैं, वे भी जय पाएंगे।
प्रकाशित वाक्य – अध्याय 19:16 और उसके वस्त्र और जांघ पर यह नाम लिखा है, राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु॥
16 और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा, और न कभी देख सकता है: उस की प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन॥
निर्गमन – अध्याय 33:20 फिर उसने कहा, तू मेरे मुख का दर्शन नहीं कर सकता; क्योंकि मनुष्य मेरे मुख का दर्शन करके जीवित नहीं रह सकता।
यूहन्ना – अध्याय 6:46 यह नहीं, कि किसी ने पिता को देखा परन्तु जो परमेश्वर की ओर से है, केवल उसी ने पिता को देखा है।
इफिसियों – अध्याय 3:21 कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उस की महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन॥
फिलिप्पियों – अध्याय 4:20 हमारे परमेश्वर और पिता की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन॥
यहूदा – अध्याय 1:25 उस अद्वैत परमेश्वर हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, और गौरव, और पराक्रम, और अधिकार, हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग रहे। आमीन॥
प्रकाशित वाक्य – अध्याय 1:6 और हमें एक राज्य और अपने पिता परमेश्वर के लिये याजक भी बना दिया; उसी की महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे। आमीन।
प्रकाशित वाक्य – अध्याय 4:11 कि हे हमारे प्रभु, और परमेश्वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएं सृजीं और वे तेरी ही इच्छा से थीं, और सृजी गईं॥
प्रकाशित वाक्य – अध्याय 7:12 हमारे परमेश्वर की स्तुति, ओर महिमा, और ज्ञान, और धन्यवाद, और आदर, और सामर्थ, और शक्ति युगानुयुग बनी रहें। आमीन।
17 इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है।
अय्यूब – अध्याय 31:24 यदि मैं ने सोने का भरोसा किया होता, वा कुन्दन को अपना आसरा कहा होता,
भजन संहिता – अध्याय 52:7 खो, यह वही पुरूष है जिसने परमेश्वर को अपनी शरण नहीं माना, परन्तु अपने धन की बहुतायत पर भरोसा रखता था, और अपने को दुष्टता में दृढ़ करता रहा!
भजन संहिता – अध्याय 62:10 अन्धेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन सम्पति बढ़े, तौभी उस पर मन न लगाना॥
मरकुस – अध्याय 10:24 चेले उस की बातों से अचम्भित हुए, इस पर यीशु ने फिर उन को उत्तर दिया, हे बाल को, जो धन पर भरोसा रखते हैं, उन के लिये परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है!
लूका – अध्याय 12:21 ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं॥
नीतिवचन – अध्याय 23:5 क्या तू अपनी दृष्टि उस वस्तु पर लगाएगा, जो है ही नहीं? वह उकाब पक्षी की नाईं पंख लगा कर, नि:सन्देह आकाश की ओर उड़ जाता है।
1 थिस्सलुनीकियों – अध्याय 1:9 क्योंकि वे आप ही हमारे विषय में बताते हैं कि तुम्हारे पास हमारा आना कैसा हुआ; और तुम कैसे मूरतों से परमेश्वर की ओर फिरे ताकि जीवते और सच्चे परमेश्वर की सेवा करो।
प्रेरितों के काम – अध्याय 14:17 तौभी उस ने अपने आप को बे-गवाह न छोड़ा; किन्तु वह भलाई करता रहा, और आकाश से वर्षा और फलवन्त ऋतु देकर, तुम्हारे मन को भोजन और आनन्द से भरता रहा।
प्रेरितों के काम – अध्याय 17:25 न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्वास और सब कुछ देता है।
18 और भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्पर हों।
लूका – अध्याय 12:21 ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं॥
तीतुस – अध्याय 3:8 यह बात सच है, और मैं चाहता हूं, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिये कि जिन्हों ने परमेश्वर की प्रतीति की है, वे भले-भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें: ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं।
याकूब – अध्याय 2:5 हे मेरे प्रिय भाइयों सुनो; क्या परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि विश्वास में धनी, और उस राज्य के अधिकारी हों, जिस की प्रतिज्ञा उस ने उन से की है जो उस से प्रेम रखते हैं
रोमियो – अध्याय 12:13 पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने मे लगे रहो।
गलातियों – अध्याय 6:6 जो वचन की शिक्षा पाता है, वह सब अच्छी वस्तुओं में सिखाने वाले को भागी करे।
इब्रानियों – अध्याय 13:6 इसलिये हम बेधड़क होकर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है॥
19 और आगे के लिये एक अच्छी नेव डाल रखें, कि सत्य जीवन को वश में कर लें॥
मत्ती – अध्याय 6:20 परन्तु अपने लिये स्वर्ग में धन इकट्ठा करो, जहां न तो कीड़ा, और न काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर न सेंध लगाते और न चुराते हैं।
मत्ती – अध्याय 19:21 यीशु ने उस से कहा, यदि तू सिद्ध होना चाहता है; तो जा, अपना माल बेचकर कंगालों को दे; और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा; और आकर मेरे पीछे हो ले।
लूका – अध्याय 12:33 अपनी संपत्ति बेचकर दान कर दो; और अपने लिये ऐसे बटुए बनाओ, जो पुराने नहीं होते, अर्थात स्वर्ग पर ऐसा धन इकट्ठा करो जो घटता नहीं और जिस के निकट चोर नहीं जाता, और कीड़ा नहीं बिगाड़ता।
लूका – अध्याय 16:9 और मैं तुम से कहता हूं, कि अधर्म के धन से अपने लिये मित्र बना लो; ताकि जब वह जाता रहे, तो वे तुम्हें अनन्त निवासों में ले लें।
20 हे तीमुथियुस इस थाती की रखवाली कर और जिस ज्ञान को ज्ञान कहना ही भूल है, उसके अशुद्ध बकवाद और विरोध की बातों से परे रह।
2 तीमुथियुस – अध्याय 1:14 और पवित्र आत्मा के द्वारा जो हम में बसा हुआ है, इस अच्छी थाती की रखवाली कर॥
तीतुस – अध्याय 1:9 और विश्वासयोग्य वचन पर जो धर्मोपदेश के अनुसार है, स्थिर रहे; कि खरी शिक्षा से उपदेश दे सके; और विवादियों का मुंह भी बन्द कर सके॥
प्रकाशित वाक्य – अध्याय 3:3 सो चेत कर, कि तु ने किस रीति से शिक्षा प्राप्त की और सुनी थी, और उस में बना रह, और मन फिरा: और यदि तू जागृत न रहेगा, तो मैं चोर की नाईं आ जाऊंगा और तू कदापि न जान सकेगा, कि मैं किस घड़ी तुझ पर आ पडूंगा।
2 तीमुथियुस – अध्याय 2:14,16,23 इन बातों की सुधि उन्हें दिला, और प्रभु के साम्हने चिता दे, कि शब्दों पर तर्क-वितर्क न किया करें, जिन से कुछ लाभ नहीं होता; वरन सुनने वाले बिगड़ जाते हैं।
पर अशुद्ध बकवाद से बचा रह; क्योंकि ऐसे लोग और भी अभक्ति में बढ़ते जाएंगे।
पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह; क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं।
तीतुस – अध्याय 1:14 और वे यहूदियों की कथा कहानियों और उन मनुष्यों की आज्ञाओं पर मन न लगाएं, जो सत्य से भटक जाते हैं।
तीतुस – अध्याय 3:9 पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और बैर विरोध, और उन झगड़ों से, जो व्यवस्था के विषय में हों बचा रह; क्योंकि वे निष्फल और व्यर्थ हैं।
21 कितने इस ज्ञान का अंगीकार करके, विश्वास से भटक गए हैं॥ तुम पर अनुग्रह होता रहे॥
2 तीमुथियुस – अध्याय 2:18 जो यह कह कर कि पुनरुत्थान हो चुका है सत्य से भटक गए हैं, और कितनों के विश्वास को उलट पुलट कर देते हैं।