कुलुस्सियों 2

अध्याय 2

1मैं चाहता हूं कि तुम जान लो, कि तुम्हारे और उन के जो लौदीकिया में हैं, और उन सब के लिये जिन्हों ने मेरा शारीरिक मुंह नहीं देखा मैं कैसा परिश्रम करता हूं।

फिलिप्पियों – अध्याय 1:30 और तुम्हें वैसा ही परिश्रम करना है, जैसा तुम ने मुझे करते देखा है, और अब भी सुनते हो, कि मैं वैसा ही करता हूं॥

1 थिस्सलुनीकियों – अध्याय 2:2 वरन तुम आप ही जानते हो, कि पहिले पहिल फिलिप्पी में दुख उठाने और उपद्रव सहने पर भी हमारे परमेश्वर ने हमें ऐसा हियाव दिया, कि हम परमेश्वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएं।

ताकि उन के मनों में शान्ति हो और वे प्रेम से आपस में गठे रहें, और वे पूरी समझ का सारा धन प्राप्त करें, और परमेश्वर पिता के भेद को अर्थात मसीह को पहिचान लें।

2 कुरिन्थियों – अध्याय 1:6 यदि हम क्लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं।

फिलिप्पियों – अध्याय 3:8 वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं।

जिस में बुद्धि और ज्ञान से सारे भण्डार छिपे हुए हैं।

1 कुरिन्थियों – अध्याय 1:24 परन्तु जो बुलाए हुए हैं क्या यहूदी, क्या यूनानी, उन के निकट मसीह परमेश्वर की सामर्थ, और परमेश्वर का ज्ञान है।

1 कुरिन्थियों – अध्याय 2:6,7 फिर भी सिद्ध लोगों में हम ज्ञान सुनाते हैं: परन्तु इस संसार का और इस संसार के नाश होने वाले हाकिमों का ज्ञान नहीं।
परन्तु हम परमेश्वर का वह गुप्त ज्ञान, भेद की रीति पर बताते हैं, जिसे परमेश्वर ने सनातन से हमारी महिमा के लिये ठहराया।
यह मैं इसलिये कहता हूं, कि कोई मनुष्य तुम्हें लुभाने वाली बातों से धोखा न दे।

2 कुरिन्थियों – अध्याय 11:13 क्योंकि ऐसे लोग झूठे प्रेरित, और छल से काम करने वाले, और मसीह के प्रेरितों का रूप धरने वाले हैं।

इफिसियों – अध्याय 4:14 ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों।

इफिसियों – अध्याय 5:6 कोई तुम्हें व्यर्थ बातों से धोखा न दे; क्योंकि इन ही कामों के कारण परमेश्वर का क्रोध आज्ञा ने मानने वालों पर भड़कता है।

क्योंकि मैं यदि शरीर के भाव से तुम से दूर हूं, तौभी आत्मिक भाव से तुम्हारे निकट हूं, और तुम्हारे विधि-अनुसार चरित्र और तुम्हारे विश्वास की जो मसीह में है दृढ़ता देखकर प्रसन्न होता हूं॥

1 कुरिन्थियों – अध्याय 5:3 मैं तो शरीर के भाव से दूर था, परन्तु आत्मा के भाव से तुम्हारे साथ होकर, मानो उपस्थिति की दशा में ऐसे काम करने वाले के विषय में यह आज्ञा दे चुका हूं।

1 थिस्सलुनीकियों – अध्याय 2:17 हे भाइयों, जब हम थोड़ी देर के लिये मन में नहीं वरन प्रगट में तुम से अलग हो गए थे, तो हम ने बड़ी लालसा के साथ तुम्हारा मुंह देखने के लिये और भी अधिक यत्न किया।

1 कुरिन्थियों – अध्याय 14:40 पर सारी बातें सभ्यता और क्रमानुसार की जाएं।

1 पतरस – अध्याय 5:9 विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं।
सो जैसे तुम ने मसीह यीशु को प्रभु करके ग्रहण कर लिया है, वैसे ही उसी में चलते रहो।

1 थिस्सलुनीकियों – अध्याय 4:1 निदान, हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ।

यहूदा – अध्याय 1:3 हे प्रियो, जब मैं तुम्हें उस उद्धार के विषय में लिखने में अत्यन्त परिश्रम से प्रयत्न कर रहा था, जिस में हम सब सहभागी हैं; तो मैं ने तुम्हें यह समझाना आवश्यक जाना कि उस विश्वास के लिये पूरा यत्न करो जो पवित्र लोगों को एक ही बार सौंपा गया था।

और उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अत्यन्त धन्यवाद करते रहो॥

इफिसियों – अध्याय 2:21,22 और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो।
जिस में सारी रचना एक साथ मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है।

इफिसियों – अध्याय 3:17  और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर।
चौकस रहो कि कोई तुम्हें उस तत्व-ज्ञान और व्यर्थ धोखे के द्वारा अहेर न करे ले, जो मनुष्यों के परम्पराई मत और संसार की आदि शिक्षा के अनुसार हैं, पर मसीह के अनुसार नहीं।

यिर्मयाह – अध्याय 29:8 क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा तुम से यों कहता है कि तुम्हारे जो भविष्यद्वक्ता और भावी कहने वाले तुम्हारे बीच में हैं, वे तुम को बहकाने न पाएं, और जो स्वप्न वे तुम्हारे निमित्त देखते हैं उनकी ओर कान मत धरो,

रोमियो – अध्याय 16:17 अब हे भाइयो, मैं तुम से बिनती करता हूं, कि जो लोग उस शिक्षा के विपरीत जो तुम ने पाई है, फूट पड़ने, और ठोकर खाने के कारण होते हैं, उन्हें ताड़ लिया करो; और उन से दूर रहो।

इफिसियों – अध्याय 5:6 कोई तुम्हें व्यर्थ बातों से धोखा न दे; क्योंकि इन ही कामों के कारण परमेश्वर का क्रोध आज्ञा ने मानने वालों पर भड़कता है।

इब्रानियों – अध्याय 13:9 नाना प्रकार के और ऊपक्की उपदेशों से न भरमाए जाओ, क्योंकि मन का अनुग्रह से दृढ़ रहना भला है, न कि उन खाने की वस्तुओं से जिन से काम रखने वालों को कुछ लाभ न हुआ।

मत्ती – अध्याय 15:2 तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं, कि बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं?

गलातियों – अध्याय 1:14 और अपने बहुत से जाति वालों से जो मेरी अवस्था के थे यहूदी मत में बढ़ता जाता था और अपने बाप दादों के व्यवहारों में बहुत ही उत्तेजित था।

गलातियों – अध्याय 4:3,9 वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में होकर दास बने हुए थे।

पर अब जो तुम ने परमेश्वर को पहचान लिया वरन परमेश्वर ने तुम को पहचाना, तो उन निर्बल और निकम्मी आदि-शिक्षा की बातों की ओर क्यों फिरते हो, जिन के तुम दोबारा दास होना चाहते हो?

क्योंकि उस में ईश्वरत्व की सारी परिपूर्णता सदेह वास करती है।

यूहन्ना – अध्याय 1:14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।

10 और तुम उसी में भरपूर हो गए हो जो सारी प्रधानता और अधिकार का शिरोमणि है।

यूहन्ना – अध्याय 1:16 क्योंकि उस की परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह।

इफिसियों – अध्याय 1:20,21 जो उस ने मसीह के विषय में किया, कि उस को मरे हुओं में से जिलाकर स्वर्गीय स्यानोंमें अपनी दाहिनी ओर।
सब प्रकार की प्रधानता, और अधिकार, और सामर्थ, और प्रभुता के, और हर एक नाम के ऊपर, जो न केवल इस लोक में, पर आने वाले लोक में भी लिया जाएगा, बैठाया।

इफिसियों – अध्याय 1:20,21 जो उस ने मसीह के विषय में किया, कि उस को मरे हुओं में से जिलाकर स्वर्गीय स्यानोंमें अपनी दाहिनी ओर।
सब प्रकार की प्रधानता, और अधिकार, और सामर्थ, और प्रभुता के, और हर एक नाम के ऊपर, जो न केवल इस लोक में, पर आने वाले लोक में भी लिया जाएगा, बैठाया।

1 पतरस – अध्याय 3:22 वह स्वर्ग पर जाकर परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठ गया; और स्वर्गदूत और अधिकारी और सामर्थी उसके आधीन किए गए हैं॥
11 उसी में तुम्हारा ऐसा खतना हुआ है, जो हाथ से नहीं होता, अर्थात मसीह का खतना, जिस से शारीरिक देह उतार दी जाती है।

व्यवस्थाविवरण – अध्याय 10:16 इसलिये अपने अपने हृदय का खतना करो, और आगे को हठीले न रहो।

इफिसियों – अध्याय 4:22  कि तुम अगले चालचलन के पुराने मनुष्यत्व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है, उतार डालो।

व्यवस्थाविवरण – अध्याय 30:6 और तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे और तेरे वंश के मन का खतना करेगा, कि तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन और सारे प्राण के साथ प्रेम करे, जिस से तू जीवित रहे।

यिर्मयाह – अध्याय 4:4 हे यहूदा के लोगो और यरूशलेम के निवासियों, यहोवा के लिये अपना खतना करो; हां, अपने मन का खतना करो; नहीं तो तुम्हारे बुरे कामों के कारण मेरा क्रोध आग की नाईं भड़केगा, और ऐसा होगा की कोई उसे बुझा न सकेगा।

रोमियो – अध्याय 2:29 पर यहूदी वही है, जो मन में है; और खतना वही है, जो हृदय का और आत्मा में है; न कि लेख का: ऐसे की प्रशंसा मनुष्यों की ओर से नहीं, परन्तु परमेश्वर की ओर से होती है॥

फिलिप्पियों – अध्याय 3:3 क्योंकि खतना वाले तो हम ही हैं जो परमेश्वर के आत्मा की अगुवाई से उपासना करते हैं, और मसीह यीशु पर घमण्ड करते हैं और शरीर पर भरोसा नहीं रखते।

रोमियो – अध्याय 6:6 क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें।

इफिसियों – अध्याय 4:22 कि तुम अगले चालचलन के पुराने मनुष्यत्व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है, उतार डालो।
12 और उसी के साथ बपतिस्मा में गाड़े गए, और उसी में परमेश्वर की शक्ति पर विश्वास करके, जिस ने उस को मरे हुओं में से जिलाया, उसके साथ जी भी उठे।

रोमियो – अध्याय 6:4 और हे बच्चे वालों अपने बच्चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो॥

इफिसियों – अध्याय 1:19 और उस की सामर्थ हमारी ओर जो विश्वास करते हैं, कितनी महान है, उस की शक्ति के प्रभाव के उस कार्य के अनुसार।

इफिसियों – अध्याय 3:7 और मैं परमेश्वर के अनुग्रह के उस दान के अनुसार, जो उसकी सामर्थ के प्रभाव के अनुसार मुझे दिया गया, उस सुसमाचार का सेवक बना।

प्रेरितों के काम – अध्याय 2:24 परन्तु उसी को परमेश्वर ने मृत्यु के बन्धनों से छुड़ाकर जिलाया: क्योंकि यह अनहोना था कि वह उसके वश में रहता।

13 और उस ने तुम्हें भी, जो अपने अपराधों, और अपने शरीर की खतनारिहत दशा में मुर्दा थे, उसके साथ जिलाया, और हमारे सब अपराधों को क्षमा किया।

इफिसियों – अध्याय 2:1,5,6,11 और उस ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।

जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।

इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतना रहित कहते हैं)।
14 और विधियों का वह लेख जो हमारे नाम पर और हमारे विरोध में था मिटा डाला; और उस को क्रूस पर कीलों से जड़ कर साम्हने से हटा दिया है।

इफिसियों – अध्याय 2:15,16 और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न करके मेल करा दे।
और क्रूस पर बैर को नाश करके इस के द्वारा दानों को एक देह बनाकर परमेश्वर से मिलाए।

15 और उस ने प्रधानताओं और अधिक्कारों को अपने ऊपर से उतार कर उन का खुल्लमखुल्ला तमाशा बनाया और क्रूस के कारण उन पर जय-जय-कार की ध्वनि सुनाई॥

उत्पत्ति – अध्याय 3:15 और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करुंगा, वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा।

भजन संहिता – अध्याय 68:18  तू ऊंचे पर चढ़ा, तू लोगों को बन्धुवाई में ले गया; तू ने मनुष्यों से, वरन हठीले मनुष्यों से भी भेंटें लीं, जिस से याह परमेश्वर उन में वास करे॥

यशायाह – अध्याय 53:12 इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया; तौभी उसने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है॥

मत्ती – अध्याय 12:29 या क्योंकर कोई मनुष्य किसी बलवन्त के घर में घुसकर उसका माल लूट सकता है जब तक कि पहिले उस बलवन्त को न बान्ध ले और तब वह उसका घर लूट लेगा।

लूका – अध्याय 10:18 उस ने उन से कहा; मैं शैतान को बिजली की नाईं स्वर्ग से गिरा हुआ देख रहा था।

लूका – अध्याय 11:22 पर जब उस से बढ़कर कोई और बलवन्त चढ़ाई करके उसे जीत लेता है, तो उसके वे हथियार जिन पर उसका भरोसा था, छीन लेता है और उस की संपत्ति लूटकर बांट देता है।

यूहन्ना – अध्याय 12:31 अब इस जगत का न्याय होता है, अब इस जगत का सरदार निकाल दिया जाएगा।

यूहन्ना – अध्याय 16:11 और तुम मुझे फिर न देखोगे: न्याय के विषय में इसलिये कि संसार का सरदार दोषी ठहराया गया है।

इफिसियों – अध्याय 4:8 इसलिये वह कहता है, कि वह ऊंचे पर चढ़ा, और बन्धुवाई को बान्ध ले गया, और मनुष्यों को दान दिए।

इब्रानियों – अध्याय 2:14 इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे।

इफिसियों – अध्याय 6:12  क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लोहू और मांस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अन्धकार के हाकिमों से, और उस दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं।

16 इसलिये खाने पीने या पर्व या नए चान्द, या सब्तों के विषय में तुम्हारा कोई फैसला न करे।

रोमियो – अध्याय 14:3,10,13 और खानेवाला न-खाने वाले को तुच्छ न जाने, और न-खानेवाला खाने वाले पर दोष न लगाए; क्योंकि परमेश्वर ने उसे ग्रहण किया है।

तू अपने भाई पर क्यों दोष लगाता है? या तू फिर क्यों अपने भाई को तुच्छ जानता है? हम सब के सब परमेश्वर के न्याय सिंहासन के साम्हने खड़े होंगे।

सो आगे को हम एक दूसरे पर दोष न लगाएं पर तुम यही ठान लो कि कोई अपने भाई के साम्हने ठेस या ठोकर खाने का कारण न रखे।

रोमियो – अध्याय 14:2,17 क्योंकि एक को विश्वास है, कि सब कुछ खाना उचित है, परन्तु जो विश्वास में निर्बल है, वह साग पात ही खाता है।

क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना पीना नहीं; परन्तु धर्म और मिलाप और वह आनन्द है;

1 कुरिन्थियों – अध्याय 8:8 भोजन हमें परमेश्वर के निकट नहीं पहुंचाता, यदि हम न खांए, तो हमारी कुछ हानि नहीं, और यदि खाएं, तो कुछ लाभ नहीं।

रोमियो – अध्याय 14:5 कोई तो एक दिन को दूसरे से बढ़कर जानता है, और कोई सब दिन एक सा जानता है: हर एक अपने ही मन में निश्चय कर ले।

गलातियों – अध्याय 4:10  तुम दिनों और महीनों और नियत समयों और वर्षों को मानते हो।

17 क्योंकि ये सब आने वाली बातों की छाया हैं, पर मूल वस्तुएं मसीह की हैं।

इब्रानियों – अध्याय 8:5 जो स्वर्ग में की वस्तुओं के प्रतिरूप और प्रतिबिम्ब की सेवा करते हैं, जैसे जब मूसा तम्बू बनाने पर था, तो उसे यह चितावनी मिली, कि देख जो नमूना तुझे पहाड़ पर दिखाया गया था, उसके अनुसार सब कुछ बनाना।

इब्रानियों – अध्याय 9:9 और यह तम्बू तो वर्तमान समय के लिये एक दृष्टान्त है; जिस में ऐसी भेंट और बलिदान चढ़ाए जाते हैं, जिन से आराधना करने वालों के विवेक सिद्ध नहीं हो सकते।

इब्रानियों – अध्याय 10:1 क्योंकि व्यवस्था जिस में आने वाली अच्छी वस्तुओं का प्रतिबिम्ब है, पर उन का असली स्वरूप नहीं, इसलिये उन एक ही प्रकार के बलिदानों के द्वारा, जो प्रति वर्ष अचूक चढ़ाए जाते हैं, पास आने वालों को कदापि सिद्ध नहीं कर सकतीं।
18 कोई मनुष्य दीनता और स्वर्गदूतों की पूजा करके तुम्हें दौड़ के प्रतिफल से वंचित न करे। ऐसा मनुष्य देखी हुई बातों में लगा रहता है और अपनी शारीरिक समझ पर व्यर्थ फूलता है।

यहेजकेल – अध्याय 13:3 प्रभु यहोवा यों कहता है, हाय, उन मूढ़ भविष्यद्वक्ताओं पर जो अपनी ही आत्मा के पीछे भटक जाते हैं, और कुछ दर्शन नहीं पाया!

1 तीमुथियुस – अध्याय 1:7 और व्यवस्थापक तो होना चाहते हैं, पर जो बातें कहते और जिन को दृढ़ता से बोलते हैं, उन को समझते भी नहीं।

19 और उस शिरोमणि को पकड़े नहीं रहता जिस से सारी देह जोड़ों और पट्ठों के द्वारा पालन-पोषण पाकर और एक साथ गठकर, परमेश्वर की ओर से बढ़ती जाती है॥

इफिसियों – अध्याय 4:15 वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं।

20 जब कि तुम मसीह के साथ संसार की आदि शिक्षा की ओर से मर गए हो, तो फिर उन के समान जो संसार में जीवन बिताते हैं मनुष्यों की आज्ञाओं और शिक्षानुसार

रोमियो – अध्याय 6:3,5 क्या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया
क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे।

रोमियो – अध्याय 7:4,6 सो हे मेरे भाइयो, तुम भी मसीह की देह के द्वारा व्यवस्था के लिये मरे हुए बन गए, कि उस दूसरे के हो जाओ, जो मरे हुओं में से जी उठा: ताकि हम परमेश्वर के लिये फल लाएं।
परन्तु जिस के बन्धन में हम थे उसके लिये मर कर, अब व्यवस्था से ऐसे छूट गए, कि लेख की पुरानी रीति पर नहीं, वरन आत्मा की नई रीति पर सेवा करते हैं॥

गलातियों – अध्याय 2:19 मैं तो व्यवस्था के द्वारा व्यवस्था के लिये मर गया, कि परमेश्वर के लिये जीऊं।

इफिसियों – अध्याय 2:15 और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न करके मेल करा दे।

गलातियों – अध्याय 4:3,9 वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में होकर दास बने हुए थे।

पर अब जो तुम ने परमेश्वर को पहचान लिया वरन परमेश्वर ने तुम को पहचाना, तो उन निर्बल और निकम्मी आदि-शिक्षा की बातों की ओर क्यों फिरते हो, जिन के तुम दोबारा दास होना चाहते हो?

21 और ऐसी विधियों के वश में क्यों रहते हो कि यह न छूना, उसे न चखना, और उसे हाथ न लगाना?

1 तीमुथियुस – अध्याय 4:3 जो ब्याह करने से रोकेंगे, और भोजन की कुछ वस्तुओं से परे रहने की आज्ञा देंगे; जिन्हें परमेश्वर ने इसलिये सृजा कि विश्वासी, और सत्य के पहिचानने वाले उन्हें धन्यवाद के साथ खाएं।

22 (क्योंकि ये सब वस्तु काम में लाते लाते नाश हो जाएंगी)।

यशायाह – अध्याय 29:13 और प्रभु ने कहा, ये लोग जो मुंह से मेरा आदर करते हुए समीप आते परन्तु अपना मन मुझ से दूर रखते हैं, और जो केवल मनुष्यों की आज्ञा सुन सुनकर मेरा भय मानते हैं।

मत्ती – अध्याय 15:9 और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्यों की विधियों को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं।

तीतुस – अध्याय 1:14 और वे यहूदियों की कथा कहानियों और उन मनुष्यों की आज्ञाओं पर मन न लगाएं, जो सत्य से भटक जाते हैं।
23 इन विधियों में अपनी इच्छा के अनुसार गढ़ी हुई भक्ति की रीति, और दीनता, और शारीरिक योगाभ्यास के भाव से ज्ञान का नाम तो है, परन्तु शारीरिक लालसाओं को रोकने में इन से कुछ भी लाभ नहीं होता॥

1 तीमुथियुस – अध्याय 4:8 क्योंकि देह की साधना से कम लाभ होता है, पर भक्ति सब बातों के लिये लाभदायक है, क्योंकि इस समय के और आने वाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिये है।

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