याकूब 2

अध्याय 2

1हेमेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो।

1 कुरिन्थियों – अध्याय 2:8 जिसे इस संसार के हाकिमों में से किसी ने नहीं जाना, क्योंकि यदि जानते, तो तेजोमय प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाते।

लैव्यवस्था – अध्याय 19:15 न्याय में कुटिलता न करना; और न तो कंगाल का पक्ष करना और न बड़े मनुष्यों का मुंह देखा विचार करना; उस दूसरे का न्याय धर्म से करना।

व्यवस्थाविवरण – अध्याय 1:17 न्याय करते समय किसी का पक्ष न करना; जैसे बड़े की वैसे ही छोटे मनुष्य की भी सुनना; किसी का मुँह देखकर न डरना, क्योंकि न्याय परमेश्वर का काम है; और जो मुकद्दमा तुम्हारे लिये कठिन हो, वह मेरे पास ले आना, और मैं उसे सुनूंगा।

व्यवस्थाविवरण – अध्याय 16:19  तुम न्याय न बिगाड़ना; तू न तो पक्षपात करना; और न तो घूस लेना, क्योंकि घूस बुद्धिमान की आंखें अन्धी कर देती है, और धर्मियों की बातें पलट देती है।

नीतिवचन – अध्याय 24:23  बुद्धिमानों के वचन यह भी हैं॥ न्याय में पक्षपात करना, किसी रीति भी अच्छा नहीं।

नीतिवचन – अध्याय 28:21 पक्षपात करना अच्छा नहीं; और यह भी अच्छा नहीं कि पुरूष एक टुकड़े रोटी के लिये अपराध करे।

मत्ती – अध्याय 22:16  सो उन्हों ने अपने चेलों को हेरोदियों के साथ उसके पास यह कहने को भेजा, कि हे गुरू; हम जानते हैं, कि तू सच्चा है; और परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से सिखाता है; और किसी की परवा नहीं करता, क्योंकि तू मनुष्यों का मुंह देखकर बातें नही करता।

यहूदा – अध्याय 1:16 ये तो असंतुष्ट, कुड़कुड़ाने वाले, और अपने अभिलाषाओं के अनुसार चलने वाले हैं; और अपने मुंह से घमण्ड की बातें बोलते हैं; और वे लाभ के लिये मुंह देखी बड़ाई किया करते हैं॥
क्योंकि यदि एक पुरूष सोने के छल्ले और सुन्दर वस्त्र पहिने हुए तुम्हारी सभा में आए और एक कंगाल भी मैले कुचैले कपड़े पहिने हुए आए।

और तुम उस सुन्दर वस्त्र वाले का मुंह देख कर कहो कि तू वहां अच्छी जगह बैठ; और उस कंगाल से कहो, कि तू यहां खड़ा रह, या मेरे पांव की पीढ़ी के पास बैठ।
तो क्या तुम ने आपस में भेद भाव न किया और कुविचार से न्याय करने वाले न ठहरे?
हे मेरे प्रिय भाइयों सुनो; क्या परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि विश्वास में धनी, और उस राज्य के अधिकारी हों, जिस की प्रतिज्ञा उस ने उन से की है जो उस से प्रेम रखते हैं

यूहन्ना – अध्याय 7:48 क्या सरदारों या फरीसियों में से किसी ने भी उस पर विश्वास किया है?

1 कुरिन्थियों – अध्याय 1:26,28 हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए।
और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए।

लूका – अध्याय 12:21 ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं॥

1 तीमुथियुस – अध्याय 6:18 और भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्पर हों।

प्रकाशित वाक्य – अध्याय 2:9 मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूं; (परन्तु तू धनी है); और जो लोग अपने आप को यहूदी कहते हैं और हैं नहीं, पर शैतान की सभा हैं, उन की निन्दा को भी जानता हूं।

निर्गमन – अध्याय 20:6और जो मुझ से प्रेम रखते और मेरी आज्ञाओं को मानते हैं, उन हजारों पर करूणा किया करता हूं॥

1 शमूएल – अध्याय 2:30  इसलिये इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, कि मैं ने कहा तो था, कि तेरा घराना और तेरे मूलपुरूष का घराना मेरे साम्हने सदैव चला करेगा; परन्तु अब यहोवा की वाणी यह है, कि यह बात मुझ से दूर हो; क्योंकि जो मेरा आदर करें मैं उनका आदर करूंगा, और जो मुझे तुच्छ जानें वे छोटे समझे जाएंगे।

नीतिवचन – अध्याय 8:17 जो मुझ से प्रेम रखते हैं, उन से मैं भी प्रेम रखती हूं, और जो मुझ को यत्न से तड़के उठ कर खोजते हैं, वे मुझे पाते हैं।

मत्ती – अध्याय  5:3 धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।

लूका – अध्याय 6:20 तब उस ने अपने चेलों की ओर देखकर कहा; धन्य हो तुम, जो दीन हो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है।

लूका – अध्याय 12:32 हे छोटे झुण्ड, मत डर; क्योंकि तुम्हारे पिता को यह भाया है, कि तुम्हें राज्य दे।

1 कुरिन्थियों – अध्याय 2:9 परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं।

2 तीमुथियुस – अध्याय 4:8 भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं॥

पर तुम ने उस कंगाल का अपमान किया: क्या धनी लोग तुम पर अत्याचार नहीं करते? और क्या वे ही तुम्हें कचहिरयों में घसीट घसीट कर नहीं ले जाते?

1 कुरिन्थियों – अध्याय 11:22 क्या खाने पीने के लिये तुम्हारे घर नहीं या परमेश्वर की कलीसिया को तुच्छ जानते हो, और जिन के पास नहीं है उन्हें लज्ज़ित करते हो मैं तुम से क्या कहूं? क्या इस बात में तुम्हारी प्रशंसा करूं? मैं प्रशंसा नहीं करता।

प्रेरितों के काम – अध्याय 13:50 परन्तु यहूदियों ने भक्त और कुलीन स्त्रियों को और नगर के बड़े लोगों को उकसाया, और पौलुस और बरनबास पर उपद्रव करवाकर उन्हें अपने सिवानों से निकाल दिया।

प्रेरितों के काम – अध्याय 17:6 और उन्हें न पाकर, वे यह चिल्लाते हुए यासोन और कितने और भाइयों को नगर के हाकिमों के साम्हने खींच लाए, कि ये लोग जिन्हों ने जगत को उलटा पुलटा कर दिया है, यहां भी आए हैं।

प्रेरितों के काम – अध्याय 18:12 जब गल्लियो अखाया देश का हाकिम था तो यहूदी लोग एका करके पौलुस पर चढ़ आए, और उसे न्याय आसन के साम्हने लाकर, कहने लगे।

क्या वे उस उत्तम नाम की निन्दा नहीं करते जिस के तुम कहलाए जाते हो?
तौभी यदि तुम पवित्र शास्त्र के इस वचन के अनुसार, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख, सचमुच उस राज व्यवस्था को पूरी करते हो, तो अच्छा ही करते हो।

लैव्यवस्था – अध्याय 19:18 पलटा न लेना, और न अपने जाति भाइयों से बैर रखना, परन्तु एक दूसरे से अपने समान प्रेम रखना; मैं यहोवा हूं।

मत्ती – अध्याय 22:39 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि तुम पवित्र शास्त्र और परमेश्वर की सामर्थ नहीं जानते; इस कारण भूल में पड़ गए हो।

रोमियो – अध्याय 13:8,9 आपस के प्रेम से छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदार न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है।
क्योंकि यह कि व्यभिचार न करना, हत्या न करना; चोरी न करना; लालच न करना; और इन को छोड़ और कोई भी आज्ञा हो तो सब का सारांश इस बात में पाया जाता है, कि अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।

गलातियों – अध्याय 5:14 क्योंकि सारी व्यवस्था इस एक ही बात में पूरी हो जाती है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।

गलातियों – अध्याय 6:2 तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो।

पर यदि तुम पक्षपात करते हो, तो पाप करते हो; और व्यवस्था तुम्हें अपराधी ठहराती है।
10 क्योंकि जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परन्तु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहरा।

व्यवस्थाविवरण – अध्याय 27:26 शापित हो वह जो इस व्यवस्था के वचनों को मानकर पूरा न करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

मत्ती – अध्याय  5:19 इसलिये जो कोई इन छोटी से छोटी आज्ञाओं में से किसी एक को तोड़े, और वैसा ही लोगों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में सब से छोटा कहलाएगा; परन्तु जो कोई उन का पालन करेगा और उन्हें सिखाएगा, वही स्वर्ग के राज्य में महान कहलाएगा।

गलातियों – अध्याय 3:10 सो जितने लोग व्यवस्था के कामों पर भरोसा रखते हैं, वे सब श्राप के आधीन हैं, क्योंकि लिखा है, कि जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह श्रापित है।

11 इसलिये कि जिस ने यह कहा, कि तू व्यभिचार न करना उसी ने यह भी कहा, कि तू हत्या न करना इसलिये यदि तू ने व्यभिचार तो नहीं किया, पर हत्या की तौभी तू व्यवस्था का उलंघन करने वाला ठहरा।

निर्गमन – अध्याय 20:13,14 तू खून न करना॥
तू व्यभिचार न करना॥

12 तुम उन लोगों की नाईं वचन बोलो, और काम भी करो, जिन का न्याय स्वतंत्रता की व्यवस्था के अनुसार होगा।
13 क्योंकि जिस ने दया नहीं की, उसका न्याय बिना दया के होगा: दया न्याय पर जयवन्त होती है॥

अय्यूब – अध्याय 22:6 तू ने तो अपने भाई का बन्धक अकारण रख लिया है, और नंगे के वस्त्र उतार लिये हैं।

मत्ती – अध्याय 6:15 और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा॥

मत्ती – अध्याय 18:35 इसी प्रकार यदि तुम में से हर एक अपने भाई को मन से क्षमा न करेगा, तो मेरा पिता जो स्वर्ग में है, तुम से भी वैसा ही करेगा॥

मत्ती – अध्याय 25:41,42 तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, हे स्रापित लोगो, मेरे साम्हने से उस अनन्त आग में चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिये तैयार की गई है।
क्योंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को नहीं दिया, मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी नहीं पिलाया।

1 यूहन्ना – अध्याय 4:17,18 इसी से प्रेम हम में सिद्ध हुआ, कि हमें न्याय के दिन हियाव हो; क्योंकि जैसा वह है, वैसे ही संसार में हम भी हैं।

प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से कष्ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ।

14 हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है?

मत्ती – अध्याय 7:26 परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिस ने अपना घर बालू पर बनाया।

15 यदि कोई भाई या बहिन नगें उघाड़े हों, और उन्हें प्रति दिन भोजन की घटी हो।

अय्यूब – अध्याय 31:19,20 यदि मैं ने किसी को वस्त्रहीन मरते हुए देखा, वा किसी दरिद्र को जिसके पास ओढ़ने को न था

और उसको अपनी भेड़ों की ऊन के कपड़े न दिए हों, और उसने गर्म हो कर मुझे आशीर्वाद न दिया हो;

लूका – अध्याय 3:11 उस ने उन्हें उतर दिया, कि जिस के पास दो कुरते हों वह उसके साथ जिस के पास नहीं हैं बांट दे और जिस के पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे।
16 और तुम में से कोई उन से कहे, कुशल से जाओ, तुम गरम रहो और तृप्त रहो; पर जो वस्तुएं देह के लिये आवश्यक हैं वह उन्हें न दे, तो क्या लाभ?

1 यूहन्ना – अध्याय 3:18 हे बालकों, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें।

17 वैसे ही विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्वभाव में मरा हुआ है।
18 वरन कोई कह सकता है कि तुझे विश्वास है, और मैं कर्म करता हूं: तू अपना विश्वास मुझे कर्म बिना तो दिखा; और मैं अपना विश्वास अपने कर्मों के द्वारा तुझे दिखाऊंगा।
19 तुझे विश्वास है कि एक ही परमेश्वर है: तू अच्छा करता है: दुष्टात्मा भी विश्वास रखते, और थरथराते हैं।

मत्ती – अध्याय 8:29 और देखो, उन्होंने चिल्लाकर कहा; हे परमेश्वर के पुत्र, हमारा तुझ से क्या काम? क्या तू समय से पहिले हमें दु:ख देने यहां आया है?

मरकुस – अध्याय 1:24 उस ने चिल्लाकर कहा, हे यीशु नासरी, हमें तुझ से क्या काम?क्या तू हमें नाश करने आया है? मैं तुझे जानता हूं, तू कौन है? परमेश्वर का पवित्र जन!

मरकुस – अध्याय 5:7 और ऊंचे शब्द से चिल्लाकर कहा; हे यीशु, पर मप्रधान परमेश्वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्या काम? मैं तुझे परमेश्वर की शपथ देता हूं, कि मुझे पीड़ा न दे।

लूका – अध्याय 4:34 वह ऊंचे शब्द से चिल्ला उठा, हे यीशु नासरी, हमें तुझ से क्या काम? क्या तू हमें नाश करने आया है? मैं तुझे जानता हूं तू कौन है? तू परमेश्वर का पवित्र जन है।

प्रेरितों के काम – अध्याय 16:17 वह पौलुस के और हमारे पीछे आकर चिल्लाने लगी कि ये मनुष्य परमप्रधान परमेश्वर के दास हैं, जो हमें उद्धार के मार्ग की कथा सुनाते हैं।

प्रेरितों के काम – अध्याय 19:15 पर दुष्टात्मा ने उत्तर दिया, कि यीशु को मैं जानती हूं, और पौलुस को भी पहचानती हूं; परन्तु तुम कौन हो?

20 पर हे निकम्मे मनुष्य क्या तू यह भी नहीं जानता, कि कर्म बिना विश्वास व्यर्थ है?
21 जब हमारे पिता इब्राहीम ने अपने पुत्र इसहाक को वेदी पर चढ़ाया, तो क्या वह कर्मों से धामिर्क न ठहरा था?

उत्पत्ति – अध्याय 22:9,12 सो वे दोनों संग संग आगे चलते गए। और वे उस स्थान को जिसे परमेश्वर ने उसको बताया था पहुंचे; तब इब्राहीम ने वहां वेदी बनाकर लकड़ी को चुन चुनकर रखा, और अपने पुत्र इसहाक को बान्ध के वेदी पर की लकड़ी के ऊपर रख दिया।

उसने कहा, उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उससे कुछ कर: क्योंकि तू ने जो मुझ से अपने पुत्र, वरन अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इस से मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है।

22 सो तू ने देख लिया कि विश्वास ने उस के कामों के साथ मिल कर प्रभाव डाला है और कर्मों से विश्वास सिद्ध हुआ।

इब्रानियों – अध्याय 11:17 विश्वास ही से इब्राहीम ने, परखे जाने के समय में, इसहाक को बलिदान चढ़ाया, और जिस ने प्रतिज्ञाओं को सच माना था।
23 और पवित्र शास्त्र का यह वचन पूरा हुआ, कि इब्राहीम ने परमेश्वर की प्रतीति की, और यह उसके लिये धर्म गिना गया, और वह परमेश्वर का मित्र कहलाया।

उत्पत्ति – अध्याय 15:6 उसने यहोवा पर विश्वास किया; और यहोवा ने इस बात को उसके लेखे में धर्म गिना।

रोमियो – अध्याय 4:3 पवित्र शास्त्र क्या कहता है यह कि इब्राहीम ने परमेश्वर पर विश्वास किया, और यह उसके लिये धामिर्कता गिना गया।

गलातियों – अध्याय 3:6 इब्राहीम ने तो परमेश्वर पर विश्वास किया और यह उसके लिये धामिर्कता गिनी गई।

2 इतिहास – अध्याय 20:7  हे हमारे परमेश्वर! क्या तू ने इस देश के निवासियों अपनी प्रजा इस्राएल के साम्हने से निकाल कर इन्हें अपने मित्र इब्राहीम के वंश को सदा के लिये नहीं दे दिया?

यशायाह – अध्याय 41:8 हे मेरे दास इस्राएल, हे मेरे चुने हुए याकूब, हे मेरे प्रेमी इब्राहीम के वंश;

24 सो तुम ने देख लिया कि मनुष्य केवल विश्वास से ही नहीं, वरन कर्मों से भी धर्मी ठहरता है।
25 वैसे ही राहाब वेश्या भी जब उस ने दूतों को अपने घर में उतारा, और दूसरे मार्ग से विदा किया, तो क्या कर्मों से धामिर्क न ठहरी?

यहोशू – अध्याय 2:1 तब नून के पुत्र यहोशू ने दो भेदियों को शित्तीम से चुपके से भेज दिया, और उन से कहा, जा कर उस देश और यरीहो को देखो। तुरन्त वे चल दिए, और राहाब नाम किसी वेश्या के घर में जा कर सो गए।

इब्रानियों – अध्याय 11:31 विश्वास ही से राहाब वेश्या आज्ञा ने मानने वालों के साथ नाश नहीं हुई; इसलिये कि उस ने भेदियों को कुशल से रखा था।

26 निदान, जैसे देह आत्मा बिना मरी हुई है वैसा ही विश्वास भी कर्म बिना मरा हुआ है॥

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